रायगढ़। समस्त उद्यानिकी फसल उत्पादन कर रहे कृषको को सूचित किया जाता है कि रबी फसल हेतु टमाटर, बैगन, फूलगोभी, पत्तागोभी, प्याज एवं आलू के लिये वर्ष 2023-24 अंतर्गत पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना शासन की अधिसूचना के साथ छत्तीसगढ़ में लागू हो गई है, अत: रायगढ़ जिले के इच्छुक ऋणी/अऋणी कृषक 31 दिसम्बर 2023 तक लोक सेवा केन्द्र, बैंक शाखा, सहकारी समिति या बीमा कंपनी एग्रीकल्चर इन्श्योरेंस कंपनी के प्रतिनिधि से संपर्क कर अपने उद्यानिकी फसलों का बीमा करवा सकते है, इस हेतु बीमा कंपनी के राज्य स्तरीय प्रतिनिधि श्री कपिल विश्वकर्मा मोबाईल नं.-7906655061 एवं जिला स्तरीय प्रतिनिधि श्री संजीव कुमार साहू मोबा.नं.-7489601443 से संपर्क कर सकते है।
सहायक संचालक उद्यान ने जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना में सभी अऋणी कृषक (भूधारक एवं बटाईदार), जो इस योजना में शामिल होने के इच्छुक है, ऐसे कृषकों को घोषणा पत्र के साथ फसल बुवाई प्रमाण-पत्र अथवा प्रस्तावित फसल बोने के आशय का स्वघोषणा पत्र सहित संबंधित अन्य अनिवार्य दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा। चयनित उद्यानिकी फसलों का बीमा कराये जाने के लिये किसानों को उन फसलों के लिए निर्धारित ऋणमान का 5 प्रतिशत प्रीमियम राशि के रुप में देना होगा, शेष प्रीमियम की राशि राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार द्वारा दिया जाएगा।
ऋणी कृषक जो योजना में शामिल नहीं होना चाहते है, उन्हें भारत सरकार द्वारा जारी चयन प्रपत्रानुसार हस्ताक्षरित घोषणा पत्र बीमा आवेदन की अंतिम तिथि के 07 दिवस पूर्व तक संबंधित वित्तीय संस्थान में अनिवार्य रुप से जमा करना होगा। निर्धारित समय-सीमा में हस्ताक्षरित घोषणा पत्र जमा नहीं करने पर संबंधित बैंक द्वारा संबंधित मौसम (रबी) के लिए स्वीकृत/नवीनीकृत की गई अल्पकालीन कृषि ऋण को अनिवार्य रुप से बीमाकृत किया जाएगा।
किसानों को विभिन्न मौसमी जोखिम जैसे-तापमान (कम या अधिक तापमान), वर्षा-(कम, अधिक या बेमौसम वर्षा), बीमारी अनुकूल मौसम (कीट एवं व्याधि), ओला वृिष्ट एवं चक्रवाती हवाएॅ, हवा की गति, से फसलों को होने वाले क्षति से फसल बीमा का नियमानुसार लाभ प्राप्त होगा। रबी मौसम में ओलावृष्टि एवं चक्रवाती हवाएं की स्थिति में कृषक इसकी सूचना सीधे बीमा कम्पनी के टोल फ्री नं. 1800-419-0344 पर या लिखित रुप मे 72 घंटे के भीतर संबंधित बैंक, स्थानीय राजस्व/उद्यानिकी/कृषि अधिकारी अथवा जिला उद्यान अधिकारी को बीमित फसल के ब्यौरे, क्षति की मात्रा तथा क्षति का कारण सहित सूचित करेगा। संबंधित संस्था/विभाग 48 घंटा के भीतर कृषकों से प्राप्त जानकारी (बीमित फसल के ब्यौरे, क्षति की मात्रा तथा क्षति के कारण सहित) बीमा कंपनी को प्रदान करेंगे। कृषक द्वारा लगाये गये फसल का केवल एक बार ही बीमा आच्छादन का लाभ ले सकता है। एक रकबे को एक से अधिक बार बीमा होने की स्थिति में बीमा कम्पनी द्वारा ऐसे सभी दावों को निरस्त कर दिया जाएगा।