अयोध्या का निमंत्रण ठुकराया, जनता भी कांग्रेस को लोकसभा चुनाव 2024 में ठुकराएगी ; सीएम साय
रायपुर। कांग्रेस द्वारा राम मंदिर 'प्राण प्रतिष्ठा' के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, "ये(कांग्रेस) दोहरा मापदंड अपनाते हैं, कभी श्री राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते हैं तो कभी चुनावी सनातनी बनते हैं। इस बार इन्होंने निमंत्रण ठुकराया है, जनता भी इन्हें ठुकराएगी।" #WATCH दिल्ली: कांग्रेस द्वारा …
रायपुर। कांग्रेस द्वारा राम मंदिर 'प्राण प्रतिष्ठा' के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, "ये(कांग्रेस) दोहरा मापदंड अपनाते हैं, कभी श्री राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते हैं तो कभी चुनावी सनातनी बनते हैं। इस बार इन्होंने निमंत्रण ठुकराया है, जनता भी इन्हें ठुकराएगी।"
#WATCH दिल्ली: कांग्रेस द्वारा राम मंदिर 'प्राण प्रतिष्ठा' के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, "ये(कांग्रेस) दोहरा मापदंड अपनाते हैं, कभी श्री राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते हैं तो कभी चुनावी सनातनी बनते हैं। इस बार इन्होंने निमंत्रण… pic.twitter.com/uzGSfPVU6Q
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 11, 2024
राम मंदिर 'प्राण प्रतिष्ठा' में कांग्रेस नेता नहीं होंगे शामिल - कांग्रेस पार्टी ने कल बयान जारी कर बताया कि पिछले महीने, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण मिला। भगवान राम की पूजा-अर्चना करोड़ों भारतीय करते हैं। धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय होता आया है, लेकिन भाजपा और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना दिया है। स्पष्ट है कि एक अर्द्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए ही किया जा रहा है। 2019 के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को स्वीकार करते हुए एवं लोगों की आस्था के सम्मान में मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी एवं अधीर रंजन चौधरी भाजपा और आरएसएस के इस आयोजन के निमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करते हैं।