अनुराग बसु ने कलामंदिर मे ललित कला प्रदर्शनी का किया उद्घाटन
भिलाई। ललित कला अकादमी का रीजनल सेन्टर भिलाई में खोले जाने को लेकर समर्पित राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर के कलाकारों की समूह प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रख्यात फिल्म निर्देशक अनुराग बसु ने किया। महात्मा गांधी कलामंदिर सिविक सेंटर के आडिटोरियम मे इस दौरान भिलाई इस्पात संयंत्र के ई.डी. प्रोजेक्ट एस.के. मुखोपाध्याय, ई.डी. पर्सनल पवन कुमार के साथ ही कला साहित्य नास्टेल्जिया 80 संस्था के पदाधिकारीगण तथा बड़ी संख्या मे दर्शक उपस्थित थे। यह प्रदर्शनी आम जनता के अवलोकनार्थ प्रतिदिन निशुल्क दोपहर 12 बजे से रात 8 बजे तक 10 दिसंबर रविवार तक खुली रहेगी।
चित्रकला और मूर्तिकला प्रदर्शनी का उद्घाटन अनुराग बसु ने विधीवत दीप प्रज्वलित करके किया। एक-एक चित्रों और मूर्तियों का अवलोकन करते हुए उन्होंने कलाकारो के सृजनशीलता की भूरी-भूरी प्रशंसा की है तथा कहा कि बहुत दिनों बाद उन्हें एक स्तरीय प्रदर्शनी देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इसमें सुप्रसिद्ध और वरिष्ठ चित्रकार हरीसेन, डी एस विद्यार्थी, गिलबर्ट जोसफ, रोहिणी पाटणकर, मोहन बराल, विक्रम अपना, हरीश मंडावी, उमाकांत ठाकुर, सारिका गोस्वामी, गुंजन, स्तुति, मनीष ताम्रकार, धीरज साहू की चित्रकलाए, अभिषेक सपन की मटपरई कला, लल्लेश्वरी साहू की धान के बाली की कला के अलावा उत्तर कुमार साहू एवं अशोक देवांगन की मूर्तिकलाएं प्रदर्शित की गई है। राष्ट्रपति पुरस्कृत गुरूजी परसराम साहू द्वारा प्रस्तुत फिल्मी संग्रह भी दर्शकों का भरपूर मनोरंजन कर रही है। जिसमें साठ सत्तर दशक से लेकर आज तक के फिल्मकारों से संबंधित दस्तावेज प्रदर्शन के लिए रखी गई है।
अनुराग बसु के पिता सुब्रत बसु के डाक टिकट भी यहां प्रदर्शित है जिसे देखकर वे भावुक हो गए। खैरागढ, रायपुर, बिलासपुर, कोडागांव तथा दुर्ग भिलाई से आए इन कलाकारो ने न सिर्फ प्रदर्शनी स्थल बल्कि मुख्य स्टेज को भी अपनी चित्रकलाओं से पाट डाला है। जिससे पूरा कलामंदिर परिसर विवध कलाओं के सुगंध से महक उठा है। स्टेज पर मंचीय प्रस्तुतियों के बीच जब निगाहें इजल मे रखी हुई पेन्टिंगो पर जाती है तो दूने उत्साह का संचार होता है। इस तरह के प्रदर्शन की आए हुए समस्त अतिथियों ने मुक्तकंठ प्रशंसा की है तथा कहा कि बड़े समय बाद भिलाई मे विविध कलाओं की ऐसी जुगलबंदी देखने को मिल रही है। इस दौरान अनुराग बसु को वरिष्ठ चित्रकार शत्रुघ्न स्वर्णकार और मनीष ताम्रकार ने उनकी बनाई पोट्रेट भेंट की साथ मे अनुराग बसु के विशेष आग्रह पर मोहन बराल ने भी अपनी एक पेन्टिंग भेंट दी जिसकी नक्काशी देखकर सभी हतप्रभ रह गए। प्रदर्शनी का कुशल संचालन साहित्यकार मेनका वर्मा, सोनाली चक्रवर्ती, प्रवीण कालमेघ, प्रशांत क्षीरसागर तथा ललित कला अकादमी मे छत्तीसगढ के प्रथम एक्जीक्यूटिव बोर्ड मेम्बर अंकुश देवांगन ने किया।