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गौठानों में मछली पालन कर आर्थिक रूप से समृद्ध हो रही है स्वसहायता समूह की महिलाएं

jantaserishta.com
14 July 2023 3:08 AM GMT
गौठानों में मछली पालन कर आर्थिक रूप से समृद्ध हो रही है स्वसहायता समूह की महिलाएं
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बालोद: राज्य सरकार के विशेष प्राथमिकता वाले महत्वाकांक्षी नरवा, गरूवा, घुरूवा एवं बाड़ी योजना ग्रामीणों के लिए कई दृष्टि से अत्यंत उपयोगी साबित होकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ कर सुराजी गांव की परिकल्पना को साकार करने में अत्यंत निर्णायक साबित हो रहा है। इस योजना के महत्वपूर्ण घटक गरूवा योजना अंतर्गत निर्मित गौठान तो इस योजना को सफलीभूत करने में ’सोने पे सूहाग’ साबित हो रहा है। राज्य शासन के मंशानुरूप गांव में स्थापित किए गए गौठान पशुधन के संरक्षण, संवर्धन, वर्मी कम्पोस्ट एवं कीटनाशक दवाईयों, गोबर पेंट आदि के निर्माण तथा शाक-सब्जी के उत्पादन जैसे अनेक आजीविकामूलक गतिविधियों के साथ-साथ ग्रामीणों को स्वरोजगार प्रदान करने का भी कारगर माध्यम बन गया है। इसी कड़ी में जिले के गुरूर विकासखण्ड के जेवरतला, भानपुरी एवं डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के खपराभाट एवं नंगूटोला गौठानों में स्वसहायता समूह की महिलाएं मछली पालन कर आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहीं है। जिले के इन गौठानों में चल रहे मछली पालन का कार्य इस काम में लगे स्वसहायता समूह की महिलाओं के लिए आज स्वरोजगार का महत्वपूर्ण जरिया बनकर उनके आर्थिक समृद्धि का आधार बन गया है। गौठानांे मछली पालन के व्यवसाय के फलस्वरूप स्वसहायता समूह की महिलाओं को हो रहे निरंतर आमदनी से उनके आर्थिक स्थिति में आशातीत सुधार हुआ है, जिससे उनके परिवार में खुशहाली आई है।
उल्लेखनीय है कि गुरूर विकासखंड के ग्राम जेवरतला गौठान के डबरी के 0.162 हेक्टेयर(40 डिसमिल) में जलक्षेत्र में जय मां दुर्गा स्वसहायता समूह के 13 महिलाओं के द्वारा मछली पालन का कार्य किया जा रहा है। इन महिलाओं के द्वारा अब तक गौठान की डबरी से कुल 472 किलोग्राम मछली को प्रति किलो 150 रुपये की दर से कुल 70 हजार 800 रुपये में बिक्री की गई है। जिससे स्वसहायता समूह की महिलाओं को 52 हजार 330 रुपये की शुद्ध आमदनी हुई है। इस तरह से मछली पालन के व्यवसाय में लगे मां दुर्गा स्वसहायता समूह की महिलाओं को 4025 रुपये की शुद्ध आमदनी प्राप्त हुई है। इसी तरह से डौडीलोहारा विकासखंड के ग्राम खपराभाट गौठान में निर्मित डबरी के कुल 0.162 हेक्टेयर जल क्षेत्र में जय शीतला स्वसहायता समूह के 12 महिलाओं द्वारा मछली पालन का कार्य किया जा रहा है। इन महिलाओं के द्वारा अब तक गौठान की डबरी से कुल 375 किलोग्राम मछली को प्रति किलो 150 रुपये की दर से कुल 56 हजार 250 रुपये में बिक्री की गई है। जिससे स्वसहायता समूह की महिलाओं को 39 हजार 900 रुपये की शुद्ध आमदनी हुई है। इस तरह से मछली पालन के व्यवसाय में लगे जय शीतला स्वसहायता समूह की महिलाओं को 3325 रुपये की शुद्ध आमदनी प्राप्त हुई है। डौंडीलोहारा विकासखंड के ग्राम नंगुटोला गौठान में निर्मित डबरी के कुल 0.162 हेक्टेयर जल क्षेत्र में गंगा मैय्या स्वसहायता समूह की महिलाओं के द्वारा मछली पालन का कार्य किया जा रहा है। इन महिलाओं के द्वारा अब तक गौठान की डबरी से कुल 372 किलोग्राम मछली को प्रति किलो 150 रुपये की दर से कुल 55 हजार 800 रुपये में बिक्री की गई है। जिससे स्वसहायता समूह की महिलाओं को 40 हजार 290 रुपये की शुद्ध आमदनी हुई है।
गुरूर विकासखण्ड के जय मां दुर्गा स्वसहायता समूह ग्राम जेवरतला के सक्रिय सदस्य फूलेश्वरी बाई ने गौठान में चल रहे मछली पालन के कार्य की भूरी-भूरी सराहना की है। उन्होंने मछली पालन के कार्य से स्वसहायता समूह के जीवन में हुए बदलाव के संबंध में जानकारी देते हुए जय मां दुर्गा स्वसहायता समूह ग्राम जेवरतला के सक्रिय सदस्य फूलेश्वरी बाई ने कहा कि उनके गांव के गौठान में चल रहे मछली पालन का कार्य उनके एवं समूह के अन्य महिलाओं के लिए स्वरोजगार का प्रमुख माध्यम बन गया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा गौठान में संचालित आजीविकामूलक कार्य ही समूह के सदस्यों के लिए स्वरोजगार का मुख्य साधन है। लेकिन गौठान में मछली पालन व्यवसाय शुरू होने से उनके लिए स्वरोजगार का अत्यंत कारगर जरिया मिल गया है। जिसके फलस्वरूप समूह के सदस्यों के आमदनी में भी पर्याप्त वृद्धि हुई है। जिसके कारण वे अपने परिवार के साथ सुखमय जीवन व्यतीत कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को हृदय से धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उनके प्रति विनम्र आभार व्यक्त किया है। इस तरह से राज्य शासन के मंशानुरूप बालोद जिले के गौठानों में संचालित मछली पालन का कार्य स्वसहायता समूह की महिलाओं एवं ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाकर उनके जीवन में बदलाव लाने का कारगर माध्यम बन गया है।
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