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शासकीय भूमि का वास्तविक मालिकाना हक मिलने से पाठक परिवार में छाई खुशहाली
jantaserishta.com
15 Sep 2022 3:23 AM GMT
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जशपुरनगर: लोगों की जिंदगी का अधिकांश समय मूलभूत आवश्यकताओं रोटी, कपड़ा और मकान की समस्याओं को सुलझाने में ही गुजर जाता है। इन सब में घर बनाना किसी बड़े सपने से कम नहीं है। शहरी क्षेत्रों में तो घर बनाने के लिए जमीन खरीदना भी एक बड़ी बात है, उससे भी बड़ी बात जमीन पर स्वयं का घर बनाना है। प्रदेश सरकार ने लोगों की भावनाओं एवं उनकी समस्या को गहराई से समझते हुए उन्हें राहत पहुंचाने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की है। इसी कड़ी में राज्य शासन द्वारा नगरीय क्षेत्र में 7500 वर्ग फीट तक की शासकीय भूमि का आबंटन कर कब्जाधारी को मालिकाना हक प्रदान किया जा रहा है। इस हेतु अतिक्रमित 7500 वर्ग फीट तक की शासकीय भूमि के व्यवस्थापन का अधिकार जिला कलेक्टर को प्रदान किया गया है। जिससे नजूल भूमि पर अतिक्रमित व्यक्ति शासन द्वारा निर्धारित गाईडलाईन के अनुसार राशि जमा कर मालिकाना हक प्राप्त कर सकते है।
नगर पालिका जशपुर के निवासी श्री दुर्गेश पाठक ने शासन के इस प्रावधान के तहत नगरीय क्षेत्र में स्थित 7500 वर्ग फीट भूमि तक अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन का लाभ लिया है। उन्होंने अपने काबिज लगभग 820 स्क्वायर फीट भूमि का नियमितीकरण करा मालिकाना हक प्राप्त किया है।
हितग्राही श्री दुर्गेश पाठक ने राज्य शासन के इस महत्वाकांक्षी योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह एक सराहनीय पहल है। प्रदेश में पहली बार इस तरह की योजना लागू की गई है। जमीन का वास्तविक मालिकाना हक पाकर उनका पूरा परिवार बहुत खुश है। पूर्व में यह जमीन शासकीय होने के कारण हम इस पर अपना वास्तविक मालिकाना हक नहीं जता पा रहे थे। श्री पाठक ने कहा कि जमीन का अभिलेख मिलने से हमारी चिंता दूर हो गई है।
श्री पाठक ने बताया कि उक्त जमीन उनकी पैतृत्क जमीन से लगी हुई थी जिस पर लगभग तीन पिढ़ियों से उनका परिवार काबिज रहा है। शासन की इस योजना की जनाकारी मिलते ही हितग्राही द्वारा जुलाई 2020 में अतिक्रमित भूमि का मालिकाना हक प्राप्त करने हेतु तहसील कार्यालय में आवेदन किया गया था। इस संबंध में नगर पालिका कार्यालय, अस्पताल, नगर निवेश सहित अन्य विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर आवश्यक कार्यवाही पूर्ण किया गया। राजस्व अमलें द्वारा भी आगे की कार्यवाही एवं मौका जांच कर प्रकरण का शीघ्रता से निराकरण किया गया। उनके द्वारा काबिज भूमि के एवं में 3 लाख 82 हजार 709 रुपए चालान के माध्यम से जमा किया गया एवं अप्रैल 2021 में उन्हें भूमि का पट्टा प्रदान करते हुए भू-स्वामी का अधिकार प्राप्त हुआ।
श्री पाठक ने बताया कि जमीन के मालिकाना हक मिलने पर अब वे उक्त भूमि पर अपने सपनों का आशियाना बना रहे है। उन्होंने बताया कि इस जमीन से उनका भावनात्मक संबंध रहा है। यहां उनका जन्म हुआ है एवं इसी जमीन पर उन्होंने अपना बचपन व्यतीत किया है। इस जमीन का मालिकाना हक मिलना उनके सपने का सच होने जैसा है। हितग्राही ने बताया की उक्त जमीन पर घर बनाना उनके माता पिता का ख्वाब रहा है जिसे अब वे प्रशासन के सहयोग से पूरा कर पा रहे है।
उन्होंने बताया कि नजूल जमीन होने के कारण वे अपना घर नहीं बना पा रहे थे। उन्हें हमेशा बेदखली का डर रहता था। परंतु अब जमीन का पट्टा प्राप्त होने के बाद उन्हें किसी प्रकार का डर नहीं रह गया है और वे अपना घर बनाना प्रारंभ कर चुके है। जल्द ही उनका आवास तैयार हो जाएगा। श्री पाठक ने बताया कि भूमि स्वामी हक प्राप्त करने से संपत्ति के विक्रय, बैंक लोन, बंटवारा सहित अन्य सभी दिक्कत दूर हो गई है। घर बनाने के लिए बैंक द्वारा उन्हें लोन भी प्राप्त हुआ है। यथाशीघ्र उनका आवास निर्माण पूर्ण हो जाएगा।
श्री पाठक ने काबिज भूमि का मालिकाना हक दिलाने हेतु राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन को सहृदय धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा की इस तरह के अवसर नागरिकों के समक्ष बहुत कम ही मिलते है, जिन्हें उन्हें खोना नहीं चाहिए। कोई भी अतिक्रमण अपने काबिज भूमि हेतु सरकार द्वारा तय की गई नियत राशि चुकाकर भूमि स्वामी का हक प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने अन्य लोगो को भी योजना का लाभ लेने हेतु प्रोत्साहित किया।
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