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प्रगती महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं गढ़ रही आत्मनिर्भता की कहानी

jantaserishta.com
21 Feb 2023 3:00 AM GMT
प्रगती महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं गढ़ रही आत्मनिर्भता की कहानी
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बलरामपुर: इरादे और हौसले मजबूत हो तो संभावनाओं के नये द्वार खुलते हैं। ऐसा ही अनोखा उदाहरण पेश किया है, रामानुजगंज की प्रगति महिला स्व-सहायता समूह की मेहनती महिलाओं ने। प्रगती महिला स्व-सहायता समूह की महिला सदस्यों ने विगत तीन वर्षों में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट व कचरे से खाद बनाकर एवं सामुदायिक बाड़ी विकास से करीब 37 लाख 17 हजार रुपए कमाये है, इससे उनमें न सिर्फ आत्मविश्वास बढ़ा है, बल्कि वे अपने परिवार की आर्थिक जरूरतों को भी पूरा कर पाने में सक्षम हुई हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी योजना से समूह की महिलाओं के हौसले को नई उड़ान मिली और वे जिले में नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है, इसी कड़ी में गोधन न्याय योजना के तहत नगर पंचायत रामानुजगंज द्वारा संचालित गोठान में प्रगति महिला स्व-सहायता समूह की 28 महिलाएं विगत तीन वर्षों से गोबर खरीद कर वर्मी कम्पोस्ट निर्माण, मुर्गी पालन, केंचुआ पालन के अलावा सामुदायिक बाड़ी के तहत साग-सब्जी लगाकर अतिरिक्त आय भी अर्जित कर रही हैं। उन्होंने अपनी सक्रियता और हुनर के बल पर घर की चार दिवारी में सीमित रहने वाली महिलाओं के सामने एक जीवंत उदाहरण पेश किया है।
कलेक्टर ने की सराहना
कलेक्टर श्री विजय दयाराम के.ने महिलाओं के कार्यों की सराहना की है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी योजना के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। जिले में स्थित गौठान को मल्टीएक्टिविटी सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां स्व-सहायता समूह की महिलाओं को आजीविका संवर्धन के लिए प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।
शासन-प्रशासन का मिल रहा भरपूर सहयोग
मुख्य नगर पालिका अधिकारी रामानुजगंज श्री दीपक एक्का ने बताया कि सरकार के मंशानुरूप गौठानों में गोबर खरीदी की जा रही है। इसके साथ ही जरूरी उपकरण के साथ समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण और प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है। खरीदी केन्द्र में अब तक कुल 100 गोबर विक्रेताओं से 12 हजार 436 क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है, जिसका 24 लाख 84 हजार 418 रुपये का भुगतान किया गया है। उन्होंने ने बताया कि खरीदी केन्द्र में प्रगती वन महिला समूह के द्वारा अब तक 3 हजार 724 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन किया गया है, जिसमें से 3 हजार 631 क्विंटल वर्मी खाद का विक्रय किया गया है, जिससे कुल 36 लाख 31 हजार 700 रुपये की आय प्राप्त हुई है। जिसमें स्व-सहायता समूह को 9 लाख 58 हजार 200 रुपये का मुनाफा हुआ है।
आत्मनिर्भर हो रही हैं महिलाएं
प्रगती महिला स्व सहायता समूह की श्रीमती लाखो पुरी बताती है कि 28 महिलायें संयुक्त रूप से गोबर से वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण कर रही हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त आय के साथ समाज में प्रतिष्ठित स्थान भी मिला है। उन्होंने बताया कि लाभांश के पैसे से हमारे घर की स्थिति में सुधार हुआ है। प्रगति वन महिला समूह की सचिव बताती है कि गोधन न्याय योजना हम महिलाओं के लिए अतिरिक्त आय का जरिया बना है, इससे प्राप्त आय से बच्चों की पढ़ाई में सहायता मिली है।
गौठान में हो रहा मल्टीएक्टिविटी का संचालन
इन मेहनती महिलाओं द्वारा डोर टू डोर कचरा इक्ट्ठा करने का कार्य ई-रिक्शा और मिनी टिपर के द्वारा किया जा रहा है, जिसे ये स्वयं चलाकर घरों से कचरा इक्ट्ठा कर गौठान में बने सेग्रिगेशन से सेड तक लाती है जहाँ पर सूखे कचरे और गीले कचरे को पृथक कर गीले कचरे से खाद तथा सूखे कचरे से अलग-अलग वस्तुएं बना रही है जिससे माध्यम से महिलाओं ने विगत 2 वर्षो में लगभग 85 हजार की अतरिक्त आय प्राप्त कर चुकी है, समूह सदस्य गीता नागवंशी ने बताया कि गौठान में सामुदायिक बाड़ी के तहत सरसो, केला, टमाटर, मटर, चना, लहसुन एवं प्याज की भी खेती की जा रही है जिससे इन्हें बेच कर प्रतिमाह 3 हजार रुपये की आमदनी प्राप्त हो रही है, इसके साथ ही इन्होंने मुर्गी पालन से 21 हजार और बटेर पालन कर 18 हजार रुपये कमाये है।
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