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रायपुर : जैव उर्वरकों से बढ़ेगी गौठानों में निर्मित कम्पोस्ट की पोषकता
उल्लेखनीय है कि गौठानों में निर्मित जैविक खाद, वर्मिकम्पोस्ट में पोषक तत्वों के मात्रा प्राकृतिक रूप से बढ़ाने एवं रासायनिक उर्वरता कम करने हेतु इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय एवं छत्तीसगढ़ बायोटेक्नोलॉजी प्रमोशन सोसायटी के संयुक्त प्रयास से प्रभावी मित्र सूक्ष्म जीवों युक्त उर्वरा शक्ति नामक तरल जैविक कल्चर तैयार किया गया है, जिसके उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होगा और पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ेगी साथ ही रासायनिक खाद की आवश्यकता में कमी आएगी। इन जैव उर्वरकों में राइजोबियम कल्चर, फास्फोरस सोल्यूब्लाईजिंग बैक्टीरिया कल्चर, एजोस्पाइरिलम, जिंक सोल्यूब्लाईजिंग बैक्टीरिया कल्चर एवं पोटेशियम सोल्यूब्लाईजिंग बैक्टीरिया कल्चर शामिल हैं। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय एवं छत्तीसगढ़ बायोटेक्नोलॉजी प्रमोशन सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में 15 हजार लीटर बायोफर्टिलायजर का वितरण गौठानों में तैयार वर्मिकम्पोस्ट को समृद्ध बनाने के लिए किया जा रहा है। इस कल्चर के उपयोग का प्रशिक्षण देने के लिए विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रांे के सहयोग से गौठानों में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें गौठान समितियों के सदस्यों के साथ-साथ महिला स्व-सहायता समूह के सदस्य भी शमिल हो रहीं हैं।