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आवेदिका के निवेदन पर सीएमओ नगर पंचायत बोदरी को पक्षकार बनाया गया
आज सुनवाई के प्रकरण में सीएमओ नगर पंचायत बोदरी को एक प्रकरण में आवेदिका के निवेदन पर पक्षकार बनाया गया है। आवेदिका के प्रकरण पर अनावेदक को पिछले 12 वर्ष के दस्तावेज लेकर आयोग कार्यालय, रायपुर में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए। एक प्रकरण सीवीरामन यूनिवर्सिटी के कुलसचिव के खिलाफ था। आवेदिका ने अनावेदक के खिलाफ मानसिक प्रताड़ना की शिकायत की थी, जिसमें अनावेदक की ओर से अधिवक्ता ने सुनवाई में उपस्थित होकर बताया की अनावेदक के विरूद्ध धारा 354 आई.पी.सी का अपराध दर्ज होकर प्रकरण न्यायालय में चल रहा है। आयोग की सुनवाई में उपस्थित आई.यू.सी.ए. डब्ल्यू बिलासपुर में निरीक्षक ने भी बताया कि यह प्रकरण न्यायालय में चल रहा है। चालान पेश हो चुका है इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया। एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदक के विरुद्ध अब किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं है ,आवेदिका ने सिर्फ मौखिक रूप से आयोग में अपनी बात रखी है। आयोग द्वारा आवेदिका को लिखित दस्तावेज सहित आयोग कार्यालय रायपुर में उपस्थित होने कहा है जिससे प्रकरण का निराकरण किया जा सकेगा।
एक अन्य प्रकरण में आयोग के समक्ष आवेदिका ने कहा कि प्रकरण पर एफआइआर दर्ज होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। यदि प्रकरण पर एफआईआर दर्ज हो जाती है तो आयोग के अधिकार क्षेत्र से बाहर हो जाने पर प्रकरण पर सुनवाई नही की जा सकती है। आयोग में उपस्थित अनावेदक को आयोग द्वारा निर्देशित किया गया कि इस प्रकरण की सही जानकारी उपलब्ध कराये जिससे इस प्रकरण को आयोग से नस्तीबद्ध किया जा सके। एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि थाना कसडोल में वर्ष 2019 में शिकायत की गयी थी जिसमें उनका बयान भी दर्ज होने के बाद भी कोई भी कार्यवाही नहीं हो पाई और न अपराध दर्ज हुआ। इस मामले में आवश्यक रिपोर्ट मंगाने हेतु थाना कसडोल को आयोग द्वारा पत्र भेजा जाएगा । तत्पश्चात सुनवाई आयोग कार्यालय में रखी जाएगी जिससे इस प्रकरण का निराकरण किया जा सकेगा।
एक आवेदिका ने जमीन पर कब्जे की शिकायत की। आयोग द्वारा आवेदिका को समझाइश दी गयी कि तत्काल दीवानी अथवा राजस्व विभाग में प्रकरण प्रस्तुत किया जाना उचित होगा। आयोग के क्षेत्राधिकार से बाहर होने के कारण इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया। एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उसकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। वह इस केस में धारा बढ़ाने के लिए आयोग की मदद चाहती है जो क्षेत्राधिकार में नहीं है पर आवेदिका को आयोग द्वारा समझाइश दी गयी कि न्यायालय से विधिक सहायता से निःशुल्क अधिवक्ता लेकर कार्यवाही करायी जा सकती है। क्षेत्राधिकार से बाहर होने के कारण इस प्रकरण को भी नस्तीबद्ध किया गया। आज जनसुनवाई में 30 प्रकरण रखे गए थे जिसमें 23 प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया है।