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जिले में 6 माह से 5 वर्ष के बच्चों, शिशुवती व गर्भवती माताओं को दिया जा रहा है पौष्टिक आहार

jantaserishta.com
19 Aug 2022 3:36 AM GMT
जिले में 6 माह से 5 वर्ष के बच्चों, शिशुवती व गर्भवती माताओं को दिया जा रहा है पौष्टिक आहार
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जशपुरनगर: मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत कलेक्टर श्री रितेश कुमार अग्रवाल के निर्देशन में जिले में कुपोषण मुक्ति की दिशा में सतत प्रयास किया जा रहा है। अभियान में प्राथमिक तौर पर आंगनबाड़ी केन्द्रों में 06 माह से 05 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं शिशुवती माताओं के खान-पान पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में गर्भवती, शिशुवती मातओं और बच्चों के स्वास्थ्य के मद्देनजर उन्हें केन्द्र में गर्म भोजन दिया जा रहा है। साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा घर पहंुच सेवा के माध्यम से गर्म और पौष्टिक भोजन उनके घर में पहुंचा कर भी प्रदान कर रही है। इसके अलावा बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें पोषण पुनर्वास की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। बच्चें देश के भविष्य होते हैं। उनका उचित देखभाल और उनके आहार का विशेष ध्यान देना आवश्यक है। इस हेतु बच्चों के मजबूत भविष्य निर्माण के लिए उनके बेहतर पोषण और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए वित्तीय वर्ष में विगत 01 जून से सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में 06 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों एवं शिशुवती माताओं को आंगनबाड़ी के माध्यम से पोषण आहार गर्म पका भोजन खिलाया जा रहा है। साथ ही अतिरिक्त पोषण आहार के रूप में बच्चों को रेडी टू ईट भी दिया जा रहा है। जिसके सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं।

इस अभियान में जिले के सभी सेक्टरों के सीडीपीओ, सेक्टर सुपरवाईजर एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। जिनके माध्यम से कुपोषित बच्चों एवं गर्भवती व शिशुवती माताओं को ट्रैक कर उनके स्वास्थ्य और खानपान पर गंभीरता से ध्यान दिया जा रहा है। केन्द्रों में गर्भवती माताओं की पोषण स्तर की जांच कर उन्हें आवश्यक सलाह एवं स्वास्थ्य उपचार उपलब्ध कराया जाता ़है। साथ ही वजन त्यौहार के माध्यम से बच्चों की ऊंचाई एवं वजन का माप कर पोषण स्तर की जानकारी ली जाती है। केन्द्रों में बच्चों एवं माताओं को पौष्टिक आहार प्रदान करने के लिए पोषण वाटिका का भी विकास किया गया है। जहां उत्पादित पौष्टिक साग सब्जियों को बच्चों को भोजन में प्रदान किया जाता है। जो बच्चों के शारीरिक विकास में सहायक होते हैं।

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