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वर्चुअल और भौतिक उपस्थिति मोड में लगभग 52 हजार 563 प्रकरण से अधिक मामले निपटाए गए

jantaserishta.com
14 May 2023 3:34 AM GMT
वर्चुअल और भौतिक उपस्थिति मोड में लगभग 52 हजार 563 प्रकरण से अधिक मामले निपटाए गए
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राजनांदगांव: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के तत्वाधान में छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशन एवं जिला न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव श्री विनय कुमार कश्यप के निर्देशन में नेशनल लोक अदालत का 13 मई 2023 को वर्चुअल और भौतिक उपस्थिति मोड में आयोजन किया गया।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए आज राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया है। इसमें सर्वोच्च न्यायालय से लेकर तहसील स्तर तक के न्यायालयों में लोक अदालत आयोजित हो रही है। जिला राजनांदगांव, नवीन जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी एवं जिला खैरागढ़-छुईखदान -गण्डई में न्यायालय में लंबित, राजस्व न्यायालय एवं प्री-लिटिगेशन के 54 हजार 568 प्रकरणों को निराकरण के लिए चिन्हित किया गया है। शुक्रवार को जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष श्री विनय कुमार कश्यप के नेतृत्व में लोक अदालत के आयोजन की सभी तैयारी पूर्ण कर ली गयी थी।
नेशनल लोक अदालत आयोजित करने के लिए कुल 47 खंडपीठों का गठन किया गया था। इस लोक अदालत में 52 हजासर 563 मामलों का सफलतापूर्वक निपटान किया गया। निपटान किए गए मामलों में कुल 50 हजार 478 मामले प्री-लिटिगेशन चरण के थे और 2 हजार 85 मामले ऐसे थे, जो विभिन्न न्यायालयों में लंबित थे। निपटान राशि लगभग 3 करोड़ 86 लाख 85 हजार 949 रूपए थी। नेशनल लोक अदालत में आपराधिक राजीनामा योग्य मामले, मोटर वाहन दुर्घटना दावा से संबंधित मामले, धारा 138 एनआई एक्ट से संबंधित मामले अर्थात् चेक से संबंधित मामले, वैवाहिक विवाद के मामले, श्रम विवाद के मामले, बैंक ऋण वसूली वाद, रूपए वसूली वाद, विद्युत बिल एवं टेलीफोन बिल के मामले, भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामले, राजस्व न्यायालय के मामले एवं अन्य राजीनामा योग्य वाद आदि से संबंधित मामलों की सुनवाई की गई।
सफल कहानी
न्यायालय कुटुम्ब न्यायाधीश राजनांदगंव के न्यायालय में लंबित व्यवहारवाद प्रकरण की आवेदिका श्रीमती हर्षा धर्म पत्नी कमलेश उर्फ सुमीत आयु लगभग 36 वर्ष निवासी वार्ड नंबर 4 पुराना ढाबा तहसील राजनांदगांव द्वारा अनावेदक कमलेश उर्फ सुमीत आत्मज श्री रामकिशोर पिपलेवार निवासी मोतीनगर वार्ड 33 जिला बालाघाट मध्यप्रदेश से 18 अप्रैल 2018 को हिन्दु रीति-रिवाज के अनुसार गोंदिया महाराष्ट्र में सम्पन्न हुआ था। शादी के उपरांत दोनों राजनांदगांव जिले में किराये के मकान में रहते थे। इस बीच दोनों क मध्य विवाद उत्पन्न होने के पश्चात् दोनों अलग रहने लगे तथा आवेदिका द्वारा अपने पति के विरूद्ध स्त्रीधन वापसी हेतु प्रकरण कुटुम्ब न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। प्रकरण में उभयपक्षों के बीच राजीनामा में अनावेदक ने आवेदिका के स्त्रीधन के एवज में एकमुश्त 3 लाख रूपए 26 अप्रैल 2023 को आवेदिका को नगद रूपए दिये जाने के उपरांत उभयपक्ष के बीच राजीनामा हो जाने से उनके मध्य विवाद समाप्त हो गया और प्रकरण आज नेशनल लोक अदालत में निराकृत होकर समाप्त हो गया।
सफल कहानी
तृतीय अपर जिला न्यायाधीश राजनंादगांव श्री सिद्धार्थ अग्रवाल के न्यायालय में विगत 6 वर्षों से लंबित निष्पादन प्रकरण जिसमें इंडसइण्ड बैंक द्वारा राजनांदगांव निवासी कल्पना लोधी एवं शेख शरफराज के विरूद्ध निष्पादन प्रकरण के अंतर्गत राशि की वसूली की कार्यवाही की जा रही थी। बैंक का दावा था कि उन्होंने निर्णित ऋणी कल्पना लोधी को ट्रक क्रमांक सीजी एल 2815 फायनेंस किया था। किन्तु कल्पना लोधी के द्वारा फायनेंस की राशि नहीं लौटायी गयी। बैंक ने आरबीट्रेशन क्लॉज के अंतर्गत आरबीटेटर के माध्यम से निर्णित ऋणी कल्पना लोधी एवं शेख सरफराज को 19 लाख 19 हजार 884 रूपए देने के लिए संयुक्त: एवं पृथकता: उत्तरदायी पाया गया था। जिसमें आरबीट्रेशन अवार्ड क अंतर्गत अधिरोपित ब्याज को काफी अत्यधिक पाते हुये न्यायालय द्वारा बैंक को समझाईस दी गयी तथा दोनों पक्षों को राजीनामा के आधार पर प्रकरण समाप्त करन की सलाह दी गई। जिस पर से दोनों पक्षों ने विचार उपरांत कुल 2 लाख 50 हजार रूपए की राशि पर राजीनामा पर सहमति व्यक्त की। निर्णीत ऋणी द्वारा बैंक 2 लाख 50 हजार रूपए की राशि अदा की गई एवं बैंक ने वर्ष 2017 से लंबित चले आ रहे इस निष्पादन प्रकरण को पूर्ण संतुष्टी पर समाप्त किया गया। इस प्रकार दोनों पक्षों के बीच जो विगत 6 वर्षों से विवाद न्यायालय में लंबित था। नेशनल लोक अदालत में राजनीमा के आधार पर प्रकरण त्वरित समाप्त हो गया। जिससे दोनों पक्षों को राहत प्राप्त हुई और वे राजीखुशी न्यायालय से विदा हुए।
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