- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- CG-DPR
- /
- 4 सौ गर्भवती माताओं का...
CG-DPR
4 सौ गर्भवती माताओं का प्रसव करने वाली मितानिन पद्मा को मिला मानदेय में वृद्धि से सम्मान
jantaserishta.com
14 July 2023 2:28 AM GMT

x
धमतरी: प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के सभी वर्गों के लिए जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की है, जिनका लाभ महिला, किसान, श्रमिक, युवा, गरीब, व्यापारी और कर्मचारी वर्ग को मिल रहा है। मुख्यमंत्री समय समय पर कर्मचारी हितों पर संवेदनशीलतापूर्वक विचार कर उनकी मांगों को पूरा करते रहे हैं। इन्ही मांगों में से एक मांग थी, ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में काम करने वाली मितानिनों की जो लंबे समय से चली आ रही थी। इस मांग पर मुख्यमंत्री ने संवेदनशीलता से विचार करते हुए 01 अप्रैल 2023 से मानदेय में वृद्धि की है।
जिले में इस आदेश की प्रति कलेक्टर श्री ऋ़तुराज रघुवंशी से प्राप्त करने के बाद धमतरी जिले के ग्राम भटगांव निवासी श्रीमती पद्मा साहू ने बताया कि वे बीते 2005 से गांव में मितानिन का काम कर रही है और उन्होंने कक्षा 10वीं तक की पढ़ाई की है। शासन द्वारा समय-समय पर दी जाने वाली जिम्मेदारियों को बखूबी पूरा करती रही है। श्रीमती पद्मा ने बताया कि मितानिनों के मानदेय में हमेशा अनिश्चितता रहती थी। क्योंकि मितानिनों का मानदेय प्रसव हेतु गर्भवती माताओं को ले जाने, उनकी देखभाल करने आदि में ही प्राप्त होते थे, जिसके कारण उन्हें आजीविका का एक स्थायी जरिया नहीं बन पा रहा था।
उन्होंने बताया कि 18 वर्ष तक मितानिन का काम करते हुए गांव में लगभग 400 प्रसव अस्पताल में कराया है, जिसके कारण गांव के अधिकांश बच्चे उन्हें दाई के नाम से पुकारते है। श्रीमती पदमा बताती है कि भले ही जीवन में उन्होंने धन कम कमाया है, मगर जब बच्चे उन्हें दाई कहते है, तो ऐसा लगता है जैसे इससे बड़ी खुशी कुछ नहीं हो सकती। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा लगभग डेढ़ सौ लोगों के आंख का भी आपरेशन कराया गया है। गांव में चाहे शासन की योजना की जानकारी देनी हो या आयुष्मान कार्ड, मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान अंतर्गत मलेरिया जांच, गर्भ जांच, गर्भवती महिलाओं की जांच, टीबी के मरीजों की जांच, कुष्ठ रोग, रक्तचाप, सिकलिन, परिवार नियोजन सहित मौसमी बीमारी बुखार, दस्त, उल्टी, खांसी आदि की दवाईयां भी प्राथमिक उपचार के रूप में उनके द्वारा दी जाती है। इनसे मरीज के ठीक नहीं होने पर चिकित्सालय तक लाने की भी जिम्मेदारी इनकी होती है। इसके साथ ही दिव्यांगजनों को प्रमाण पत्र बनवाने में भी मदद करती है। पदमा कहती है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हमारी लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए पूर्व में दी जा रही प्रोत्साहन राशि के अतिरिक्त मितानिन कल्याण निधि योजनांतर्गत राशि रुपये 2200 प्रतिमाह पिछले 01 अप्रैल 2023 से मानदेय में वृद्धि की है, जिसके लिए मैं हमारे जिले में काम करने वाली 1832 मितानिनों की ओर से आभार व्यक्त करती हूं।

jantaserishta.com
Next Story