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शहीद गैंदसिंह का 198 वां शहादत दिवस मनाया गया

jantaserishta.com
21 Jan 2023 3:22 AM GMT
शहीद गैंदसिंह का 198 वां शहादत दिवस मनाया गया
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उत्तर बस्तर कांकेर: शहीद गैंदसिंह के 198वॉं शहादत दिवस कार्यक्रम का आयोजन हल्बा समाज द्वारा गोविंदपुर के खेल मैदान में आयोजित किया गया, जिसके मुख्य अतिथि प्रदेश के वाणिज्यिक कर (आबकारी), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा थे। छत्तीसगढ़ केन्द्रीय महासभा के अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र माहला, 18 गढ़ महासभा के अध्यक्ष शिव कुमार पात्र और 32 गढ़ महासभा के अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र कुमार चनाप द्वारा कार्यक्रम की अध्यक्षता किया गया। विशिष्ट अतिथि के रूप में महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण एवं कांकेर जिले के प्रभारी मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया, संसदीय सचिव एवं कांकेर विधायक श्री शिशुपाल शोरी, विधायक अंतागढ़ श्री अनूप नाग, भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्रीमती सावित्री मण्डावी, छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डाल के सदस्य श्री नरेश ठाकुर एवं बस्तर विकास प्राधिकरण के सदस्य श्री बिरेश ठाकुर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री हेमन्त ध्रुव, उपाध्यक्ष श्री हेमनारायण गजबल्ला, पूर्व मंत्री महेश गागड़ा, पूर्व विधायक मंतू पवार तथा गैंदसिंह के वंशज देवेन्द्र भाऊ उपस्थित थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्री कवासी लखमा ने कहा कि शहीद गैंदसिंह हल्बा समाज ही नहीं सम्पूर्ण आदिवासी समाज के गौरव हैं। उन्होंने जल, जंगल, जमीन की रक्षा एवं अत्याचार के विरूद्ध लड़ाई लड़ी तथा अपने प्राणों का न्यौछावर किया। श्री लखमा ने कहा कि आदिवासियों की अपनी विशिष्ट, रीति, रिवाज, परंपरा एवं पूजा पद्धति है, जिसका पालन वर्षों से किया जा रहा है। गांवों में गायता, पूजारी होते है, जिनके द्वारा पूजा-पाठ कराया जाता है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इनके हितों को ध्यान में रखते हुए गायता, पूजारी के मानदेय को बढ़ाया है। श्री लखमा ने कहा कि हल्बा समाज बस्तर संभाग की मूल जनजाति है तथा बस्तर संभाग में सबसे ज्यादा हल्बी बोली जाती है, जो हल्बा जनजाति की भाषा है। राजनीति से ऊपर उठकर समाज के लिए काम करने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज संगठित हो, शिक्षा पर विशेष ध्यान केन्द्रित करे, बच्चे पढे़गें तो आगे बढ़ेंगे और उच्च पदों पर जायेंगे। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रांरभ किया गया है, सरकार द्वारा आदिवासियों के हित में अनेक काम भी किये जा रहे हैं। आदिवासियों के लिए देवगुड़ी, घोटूल का निर्माण किया जा रहा है। तेंदूपत्ता का पारिश्रमिक दर 25 सौ रूपये से बढ़ाकर 04 हजार रूपये कर दिया गया है। कोदो-कुटकी-रागी का समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है, जिससे आदिवासी किसान लाभान्वित हो रहे हैं। सरकार द्वारा 25 सौ रुपये प्रति क्विंटल में धान की खरीदी भी की जा रही है। गोधन न्याय योजना अंतर्गत 02 रुपये किलो में गोबर की खरीदी हो रही है तथा अब गोबर से पेंट भी बनाया जा रहा है। श्री लखमा ने कहा कि बड़ेडोंगर को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जायेगा।
विशिष्ट अतिथि श्रीमती अनिला भेड़िया ने कहा कि शहीद गैंदसिंह के आदर्श को अपनाये, जिन्होंने अत्याचार के विरूद्ध लड़ाई लड़ी थी। बैठक में चिंतन मनन कर समाज की कमजोरी को समझें और उसे दूर करें तथा एक-दूसरे की मदद करें। समाजिक विकास के लिए राजनीति से ऊपर उठकर कार्य किया जाए तथा संगठित होकर अपनी हक की लड़ाई लड़े। उन्होंने कहा कि हल्बा समाज शिक्षित एवं संपन्न समाज माना जाता है। समाज एक होकर चले, सामाजिक रीति, रिवाज, परंपरा को बचाये रखें। शहीद गैंदसिंह के 198वॉ शहादत दिवस कार्यक्रम को संसदीय सचिव श्री शिशुपाल शोरी, विधायक अंतागढ़ श्री अनूप नाग, विधायक भानुप्रतापपुर श्रीमती सावित्री मण्डावी, बस्तर विकास प्राधिकरण के सदस्य बिरेश ठाकुर, पूर्व विधायक महेश गागड़ा एवं मंतूराम पवार, छत्तीसगढ़ केन्द्रीय महासभा के अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र माहला, 32 गढ़ महासभा के अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र कुमार चनाप, महाराष्ट्र हल्बा समाज के अध्यक्ष डॉ. एनडी कृषान ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में हल्बा समाज के पदाधिकारी एवं सगाजन बड़ी संख्या में मौजूद थे।
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