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कुर्रा गौठान बना महिलाओं की आय का अतिरिक्त जरिया

jantaserishta.com
4 Jun 2023 2:35 AM GMT
कुर्रा गौठान बना महिलाओं की आय का अतिरिक्त जरिया
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रायपुर: छत्तीसगढ़ शासन के महत्वकांक्षी सुराजी गांव योजनांतर्गत कार्यक्रम के तहत तीन चरणों में गौठानों की स्थापना कर पशु संरक्षण केन्द्र, वर्मी कम्पोस्ट एवं आजीविका गुड़ी के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसी कड़ी मे ग्राम कुर्रा मे स्थापित गौठान द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने हेतु सुनियोजित तरीके से आजीविका के साधन निर्मित किये गए।
गौठान निर्माण के तहत ग्राम कुर्रा में तीन एकड़ जमीन में पशुओं के लिये गौठान तीन एकड़ में चारागाह, पशुओं के लिये पेयजल, कोटना व्यवस्था, शेड की व्यवस्था की गई है। आस - पास में फेंसिग किया गया है जिससे जानवर किसानों के खेत में न जा सके तथा वर्मी टांका का निर्माण किया गया। गाँव के पशुपालकों से गोबर खरीद कर महिला स्व-सहायता समूह के द्वारा वर्मी खाद का निर्माण प्रारंभ किया गया जिसे बंगोली सोसायटी के माध्यम से विक्रय किया जा रहा है।
कुर्रा गौठान कुल 10 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला हुआ है जिसमें 3 एकड़ में पशुपालन, 4 एकड़ मंल दो बाड़ी और 3 एकड़ में चारागाह होता है। वर्मी कंपोस्ट केंचुआ खाद का उत्पादन कर स्व सहायता समूह की दीदियां अच्छी आय अर्जित कर रहीं हैं। जिसमे कुल 27 वर्मी कम्पोस्ट टांका, 5 नापेड टांका, 1 मुर्गी एवं बकरी शेड, 4 बोरबेल, 1 मछली तालाब, 2 सोलर पैनल भी लगाया गया है।
गौठान में कार्य कर रही गोवर्धन स्व सहायता समूह की महिलाएं इनसे अच्छी आय अर्जित कर रही है। समूह की अध्यक्ष देवकी नायक बताती है कि गौठान में सब्जियों से 50 हजार, मशरूम बेचकर 60 हजार, मुर्गी पालन से 30 हजार की आय समूह को हुई है। गौठान की सचिव राधिका वर्मा ने बताया कि वर्मी उत्पादन से समूह को अब तक 9 लाख रुपये से अधिक की कमाई हुई है। उन्होंने यह भी बताया की गौठान में सिंदूर का पेड़ भी लगाया गया है जिसके बीजों से होली में गुलाल भी बनाई गई जिससे लगभग 6 हजार की आय भी हुई।
शासकीय विभाग कृषि, पशु पालन, मत्स्य पालन, क्रीडा, जिला कौशल विकास प्राधिकरण मनरेगा एवं एन.आर.एल.एम. का गौठान को विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। गौठान में वर्मी विक्रय, सुपर कंपोस्ट खाद, मशरूम उत्पादन, मेंथा पौधा विक्रय, साबुन निर्माण, रागी उत्पादन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, मछली पालन, हल्दी उत्पादन, प्याज की खेती, जिमीकांदा उत्पादन, सब्जी उत्पादन, केचुआ उत्पादन, हर्बल गुलाल जैसी गतिविधियां सुचारू रूप से संचालित है
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