CG-DPR

महासमुंद में नौनिहालों को पुस्तकें व गणवेश वितरित कर मनाया गया शाला प्रवेशोत्सव

jantaserishta.com
17 Jun 2022 5:43 AM GMT
महासमुंद में नौनिहालों को पुस्तकें व गणवेश वितरित कर मनाया गया शाला प्रवेशोत्सव
x

महासमुंद: शैक्षणिक सत्र 2022-23 का आज से प्रदेश भर में आगाज हुआ। इस अवसर जिला सहित प्रदेश भर में प्रवेशोत्सव मनाया गया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने रायपुर से आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में नौनिहालों को तिलक लगाकर, मिठाई खिलाकर तथा पुस्तकें भेंट कर प्रवेश दिलाया। उक्त कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आज दोपहर को किया गया। इसी क्रम में जिला स्तरीय प्रवेशोत्सव का आयोजन जिला मुख्यालय महासमुंद स्थित शासकीय आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में किया गया।

इस दौरान संसदीय सचिव एवं विधायक महासमुंद श्री विनोद चंद्राकर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती उषा पटेल, कलेक्टर श्री निलेशकुमार क्षीरसागर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एस. आलोक, जनपद अध्यक्ष श्री यतेन्द्र साहू, जिला स्काउट गाइड के अध्यक्ष श्री दाऊलाल चन्द्राकर सहित स्कूली बच्चे एवं उनके अभिभावक उपस्थित थे। इस दौरान अतिथियों ने छात्र-छात्राओं के अभिभावकों की उपस्थिति में तिलक एवं मिठाई खिलाकर नवप्रवेशित विद्यार्थियों का स्वागत किया गया। नवप्रवेशित बच्चों को गणवेश और पुस्तक वितरण भी किया गया। नव प्रवेशित बच्चों में स्कूल जाने के लिए काफी उत्साह तथा उनके चेहरे पर मुस्कान की झलक दिख रही थी। इस दौरान कक्षा 10 वीं के बोर्ड परीक्षा में प्रदेश में सातवां स्थान प्राप्त करने वाले हिरामन निषाद एवं नौवां स्थान प्राप्त करने वाली पूजा सिन्हा तथा कक्षा 12 वीं में सातवां स्थान प्राप्त करने वाले संजय बरिहा को भी सम्मानित किया।
संसदीय सचिव श्री विनोद चंद्राकर ने अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों व पालकों को अपनी शुभकामनाएं एवं बधाई देते हुए कहा कि विगत दो वर्षों में कोरोना संक्रमण के चलते शालाएं बाधित रहीं, प्रवेशोत्सव नहीं मनाया गया। कोई भी बच्चा शिक्षा के अपने मौलिक अधिकार से वंचित ना हो, इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता लाने प्रदेश भर में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी, हिन्दी माध्यम शालाएं खोली गई हैं, जहां पर बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ को पूर्ण शिक्षित राज्य बनाने का संकल्प लेने का आव्हान प्रदेशवासियों से किया है। वर्तमान समय में शिक्षा को नवाचार और नई प्रौद्योगिकी के साथ जोड़ने की जरूरत है। उन्होंने विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को नई ऊर्जा एवं नए उत्साह के साथ अध्ययन एवं अध्यापन के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया कि राज्य में आज से बालवाड़ी की शुरूआत की जा रही है।
जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती उषा पटेल ने अपने स्कूली दिनों को याद करते हुए कहा कि हम लोग जब स्कूल में भर्ती होने जाते थे। तब शिक्षक 06 वर्ष की उम्र हुआ है कि नहीं इसकी जानकारी हाथ उपर कर दूसरे तरफ के कान को पकड़ने के लिए कहा करते थे। इसके बाद कक्षा पहली में भर्ती होती थी। उन्होंने कहा कि छात्रों को हमेशा अपनी गलतियों और असफलताओं से सीखना चाहिए। शिक्षकों को चाहिए की वे हर छात्र को समझे, उन्हे हमेशा प्रेरित करे, बच्चे अवश्य सफल होंगे। उन्होंने कहा की जिले में बेहतर शिक्षा प्रदान करना हम सबका सामूहिक प्रयास है, शिक्षा एक ऐसी ताकत, ऐसा सूत्र जो सबको बदल सकता है।
कलेक्टर श्री निलेशकुमार क्षीरसागर ने शिक्षकों व विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि कोई भी बच्चा शिक्षा के मूल अधिकार से वंचित ना हो, इसके लिए शिक्षकों के द्वारा प्रत्येक बच्चे की सघनता से मॉनिटरिंग की जाए। शिक्षा से व्यक्ति की पहचान होती है। स्कूल में शिक्षा के साथ-साथ बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए खेल गतिविधियां एवं अन्य एक्टिविटी भी आयोजित कराते रहना चाहिए। शिक्षकों को विद्यार्थियों की रूचि को ध्यान में रखते हुए उस दिशा में आगे बढ़ाने का कार्य भी करना चाहिए। जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती एस. चंद्रसेन ने बताया कि राज्य शासन की मंशानुसार जिले में बालवाड़ी स्थापित की जा रही है। उन्होंने बताया कि आज जिले के सभी स्कूलों में शाला प्रवेशोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी गण उपस्थित थे।


Next Story