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आर्थिक अभाव नहीं बन रही बाधा, मिल रही बच्चों को उकृष्ट शिक्षा

jantaserishta.com
20 Feb 2023 3:30 AM GMT
आर्थिक अभाव नहीं बन रही बाधा, मिल रही बच्चों को उकृष्ट शिक्षा
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दानेश्वरी संभाकर , सहायक संचालक
रायपुर: छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल बन रहा है। राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई अंग्रेजी स्कूलों की श्रृंखला से जिला मुख्यालयों और विकासखंड स्तर पर बड़ी संख्या में गरीब और कमजोर वर्ग के प्रतिभावान बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। बहुत ही कम समय में इन स्कूलों में लोकप्रियता हासिल कर ली है। राज्य सरकार द्वारा अंग्रेजी माध्यम के साथ-साथ हिन्दी माध्यम के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रारंभ किए जा रहे हैं। इन स्कूलों में विश्व स्तरीय सुविधाएं मौजूद हैं।
प्रदेश में 247 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल और हिंदी माध्यम के 32 स्कूल संचालित हैं, वहीं आगामी शिक्षण सत्र से 422 स्कूलों का संचालन किया जाना भी प्रस्तावित है। नये प्रस्तावित स्कूलों में सरगुजा और बस्तर संभाग के 252 स्कूल शामिल होंगे, ताकि सुदूर अंचलों एवं पिछड़े क्षेत्रों में रहने वाले बच्चे भी अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई कर सके। अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की सफलता को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा आगामी शैक्षणिक सत्र से अंग्रेजी माध्यम कॉलेज प्रारंभ करने का भी निर्णय लिया गया है।
स्वामी आत्मानंद स्कूलों की लोकप्रियता का अंदाजा मुख्यमंत्री के भेंट-मुलाकात कार्यक्रमों के दौरान इन स्कूलों की मांग और इन स्कूलों में पढ़ने वाले फर्राटेदार अंग्रेजी से लगाया जा सकता है। इन स्कूलों के प्रारंभ होने से गरीब और कमजोर तबके के प्रतिभावान बच्चों के पालकों को निजी स्कूलों की महंगी फीस से काफी राहत मिली है। इन स्कूलों में नाममात्र की फीस पर अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा के साथ-साथ् विश्व स्तरीय सुविधाएं, बेहतर शैक्षणिक माहौल मिल रहा है।
राज्य सरकार द्वारा इन स्कूलों को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ के प्रतिभावान छात्रों को अंग्रेजी माध्यम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है ताकि वे प्रतियोगी परीक्षाओं में अन्य राज्यों के विद्यार्थियों से पीछे न रहे। सभी अंगेजी माध्यम और हिन्दी माध्यम स्कूलों में सीबीएससी का पाठ्यक्रम संचालित किया जा रहा है।
गौरतलब है कि 03 जुलाई 2020 को प्रदेश में स्वामी आत्मानंद स्कूल की सबसे पहले शुरूआत हुई थी। योजना के अंतर्गत प्रांरभ हुए 247 स्कूलों में लगभग ढ़ाई लाख बच्चे अध्ययनरत हैं। इन स्कूलों में अत्याधुनिक लाइब्रेरी, लैंग्वेज लैब, कम्प्यूटर और साइंस लैब के साथ ही टेनिस और बैडमिंटन सहित विभिन्न खेलों की सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी है।
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