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गायत्री स्व सहायता समूह की अध्यक्ष ने बताया, समूह के सभी सदस्य प्रशिक्षण लेकर सारवण्डी गौठान में वर्मी खाद बनाने का कार्य कर रहे

jantaserishta.com
27 May 2023 2:39 AM GMT
गायत्री स्व सहायता समूह की अध्यक्ष ने बताया, समूह के सभी सदस्य प्रशिक्षण लेकर सारवण्डी गौठान में वर्मी खाद बनाने का कार्य कर रहे
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उत्तर बस्तर कांकेर: राज्य शासन के महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, धुरवा, बाड़ी योजना अंतर्गत नरहरपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत सारवण्डी के गौठान में गायत्री स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा विभिन्न आजीविका गतिविधियां संचालित कर आय प्राप्त कर रहे हैं और अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर रहे हैं। इस गौठान में ग्राम के तीन स्व सहायता समूह के सदस्य जुड़कर गौठान में उपलब्ध संसाधनों से वर्मी खाद, मुर्गी पालन, मशरूम उत्पादन, बकरी पालन, सब्जी उत्पादन का कार्य किया जा रहा है।
गायत्री स्व सहायता समूह की अध्यक्ष ने बताया कि समूह के सभी सदस्य प्रशिक्षण लेकर सारवण्डी गौठान में वर्मी खाद बनाने का कार्य कर रहे हैं। समूह की महिलाओं द्वारा अब तक 370 क्विंटल वर्मी खाद बेचकर 01 लाख 45 हजार रुपये की आय प्राप्त किया गया है। गायत्री स्व सहायता समूह द्वारा इस गतिविधि के साथ-साथ गौठान में मुर्गी पालन का कार्य भी शुरू किये हैं, शुरुवात में 500 चूजे का पालन किया गया तथा उसके बड़े होने पर 01 लाख 48 हजार रूपये में विक्रय किया गया, जिससे 65 हजार रूपये का अतिरिक्त आय प्राप्त हुआ है। गौठान में गायत्री स्व सहायता समूह के सदस्य आजीविका गतिविधि कार्य से बेहद खुश हैं और अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर रही हैं। उन्होंने बताया कि आजीविका नहीं होने के कारण रोजी-मजदूरी के लिए बाहर जाना पड़ता था, अब गौठान में ही कार्य करके आय अर्जित कर रहे हैं।
इसी प्रकार से सारवण्डी गौठान में शीतला स्व सहायता समूह भी आजीविका गतिविधियों से जुड़कर कार्य कर रहे हैं। यह समूह सब्जी उत्पादन एवं बकरी पालन का कार्य गौठान में कर रहे हैं। समूह द्वारा सीजन के अनुसार सब्जी उत्पादन कर 28 हजार 700 रूपये का विक्रय किया गया है। समूह द्वारा बकरी पालन के कार्य भी कर रहे हैं। उनके पास 20 बकरी 2 बकरा उपलब्ध है, जिसे भविष्य में विक्रय कर लाभ प्राप्त करेंगे। इस कार्य से सभी सदस्य खुश हैं और आय भी प्राप्त कर रहे हैं। तुलसी स्व सहायता समूह भी इस गोठान में मशरूम उत्पादन का कार्य प्रारंभ किये हैं। मशरूम उत्पादन के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है। मशरूम उत्पादन से अब तक 16 हजार 100 रूपये का आय प्राप्त हुआ है तथा अपने परिवार के लिए भी आसानी मशरूम उपलब्ध हो रहा है ।
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