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कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा ने कृषि तथा सम्बद्ध विभागों की ली समीक्षा बैठक
jantaserishta.com
20 April 2023 2:31 AM GMT
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कोरिया: छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र शर्मा, केबिनेट मंत्री दर्जा ने आज जिला पंचायत के सभाकक्ष में कृषि तथा सम्बद्ध विभागों की समीक्षा बैठक ली। बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष श्री महेन्द्र चन्द्राकर, सदस्य श्री नन्दकुमार पटेल, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती नम्रता जैन, उप संचालक कृषि श्री दिनेश चंद कोसले सहित जनप्रतिनिधि तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में श्री शर्मा ने गौठान प्रबंधन की समीक्षा करते हुए कहा कि गौठानो में ऐसी गतिविधियों का चयन किया जाए जहां कच्चे माल की उपलब्धता हो तथा वहीं उत्पाद के विक्रय हेतु बाजार भी उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि समूह की आमदनी बढ़ाने हेतु प्रयास करें। उन्होंने गारमेंट सिलाई हेतु महिलाओं का प्रशिक्षण करवाकर बड़े स्तर पर गतिविधी संचालित किए जाने निर्देशित किया। सक्रिय गौठानों की समीक्षा करते हुए कहा कि जिन गौठानों में 10 एकड़ से अधिक जमीन है वहां एक तालाब निर्माण कराकर समूह के माध्यम से मछली पालन का कार्य किया जाए तथा जहां पानी की कमी है वहां डबरी निर्माण कराएं। उन्होंने विभिन्न विभागों से विभागीय योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी विभाग किसानों के कल्याण के लिए सद्भावना से कार्य करें।
इस दौरान गोठान प्रबंधन के संबंध में आत्मनिर्भरता की स्थिति, सक्रिय स्वसहायता समूहो की सक्रियता के प्रमुख कारण, अपेक्षाकृत कम सक्रिय समूहो की संख्या तथा इन्हे प्रेरित करने की रणनीति, गोठानों में वर्तमान में आजीविका संबंर्धन के प्रमुख क्रियाकलाप, पशु चिकित्सा केन्द्र के रूप में गोठानों की स्थिति, द्विफसलीय क्षेत्र बढ़ाने में क्या गोठान सफल रहे है यदि हा तो सफलता की कहानी, पोषण बाड़ियों की स्थिति तथा इन्हे आंगनबाडी एवं विद्यालयो में विस्तारित करने की रणनीति पर भी चर्चा की गई है। इसके साथ ही गौठान सम्बन्धी क्रियाकलापों में कृषि महाविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्र भूमिका।कृषि आदान व्यवस्था के क्षेत्र में उर्वरक की कुल मांग, जिले की भंडारण क्षमता, सहकारिता क्षेत्र में डबल तथा सिंगल लाक की एक बार की पूर्ण भंडारण क्षमता तथा गोदाम संख्या, जिले को उर्वरक प्राप्ति के स्त्रोत, रेक पाइंट, वर्तमान वर्ष में उर्वरक आधिक्य तथा न्यूनता के समय का चिंहाकन, जिले की फसलवार बीज मांग, जिले का स्वंय का बीज उत्पादन, बीज संसाधन, प्रसंस्करण, भंडारण हेतु उपलब्ध अधोसंरचनाये, जिले को बीज के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की रणनीति, उर्वरक, बीज की कालाबाजारी पर कड़ी कार्यवाही करने हेतु आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिये।इसके साथ ही जल संसाधन तथा इसका उपयोग के क्षेत्र में वृहत, माध्यम, लघु सिंचाई परियोजनाओं के कमांड क्षेत्र में दोनों फसल मौसम में लगाई जा रही फसल, एनीकट, स्टापडेम, चेकडेम, लघुत्तम सिंचाई तालाबो द्वारा सिंचित क्षेत्र, एनीकट, स्टापडेम, चेकडेम, के किनारो पर विद्युतीकरण तथा सौर उर्जा चलित पंपो की स्थापना, मछलीपालन की संभावना, नवीन स्वीकृत जलग्रहण क्षेत्र परियोजना अंतर्गत कार्याे की भौतिक वित्तीय प्रगति की स्थिति, तथा कृषकों के राजस्व प्रकरणों यथा नामांकन, बटवारा, सीमांकन, कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मछलीपालन क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति की स्थिति, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, वन अधिकार अधिनियम, रेशम पालन, पशु टीकाकरण पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई।
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