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जोमैटो (Zomato) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने क्विक कॉमर्स स्टार्टअप Blinkit के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है
जोमैटो (Zomato) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने क्विक कॉमर्स स्टार्टअप Blinkit के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है. बीएसई (BSE) फाइलिंग के मुताबिक, आज हुई बोर्ड मीटिंग में डील को इजाजत दी गई है. डील (Deal) की वैल्यू 4,447 करोड़ रुपये या करीब 570 मिलियन डॉलर है. यह Blinkit की आखिरी वैल्युएशन से करीब 43 फीसदी कम है, जो एक अरब डॉलर से कुछ ज्यादा थी. यह पिछले साल यूनिकॉर्न बन गई थी, जब इसे जोमैटो और टाइगर ग्लोबल से 120 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली थी.
दो साल पहले शुरू हुई थी बातचीत
दोनों कंपनियों ने सबसे पहले इस डील को लेकर बातचीत दो साल पहले की थी. इस बड़े समझौते से जोमैटो को फायदा होगा, जो क्विक कॉमर्स पर ध्यान दे रहा है. यह इस अल्ट्रा-फास्ट ग्रॉसरी डिलीवरी के क्षेत्र में उसकी स्थिति को बहुत बेहतर बनाएगा. हालांकि, सेक्टर में अभी मुनाफा कमाने के संकेत नहीं दिखे हैं. कंपनी का इस क्षेत्र में मुकाबला बेहतर फंड वाली कंपनियों जैसे स्विगी का इंस्टामार्ट, Zepto, रिलायंस रिटेल द्वारा समर्थित Dunzo और टाटा के बिग बास्केट से रहेगा.
आपको बता दें कि ग्रॉसरी या किराने की ऑनलाइन डिलीवरी कंपनी ग्रोफर्स का नाम पिछले साल दिसंबर में बदल गया था. इसका नया नाम ब्लिंकिट रखा गया था. नए नाम के साथ ही इस कंपनी ने 10-मिनट ग्रॉसरी डिलीवरी का लक्ष्य तय किया था. यानी कि ऑर्डर के 10 मिनट के अंदर सामान की डिलीवरी का लक्ष्य तय किया गया था.
देश में क्विक कॉमर्स की मांग तेजी से बढ़ी
भारत में क्विक कॉमर्स की मांग तेजी से बढ़ रही है और ग्राहक इसके लिए पैसे खर्च करने के लिए तैयार हैं. स्विगी इसी संभावनाओं को देखते हुए इंस्टामार्ट में निवेश बढ़ा रही है. इसी तरह ओला ने भी क्विक डिलीवरी सर्विस की शुरुआत की है जो ग्रोसरी के लिए बेंगलुरु में लॉन्च किया गया है. दुन्जो जैसी कंपनी भी इसी सेगमेंट में काम करती है.
वहीं, जियो-बीपी और जोमैटो के बीच कुछ दिन पहले एक बड़ी डील फाइनल हुई है. इस समझौते के मुताबिक अब जोमैटो के इलेक्ट्रिक वाहनों को मोबिलिटी सेवाएं देने की जिम्मेदारी जियो-बीपी की होगी. इसके साथ ही जियो-बीपी पल्स ब्रांडेड बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों का लाभ भी जोमैटो के इलेक्ट्रिक वाहन उठा सकेंगे. इसके जरिए न सिर्फ पर्यावरण बेहतर बनाने में मदद मिलेगी बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर जागरुकता भी बढ़ेगी.

Rani Sahu
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