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5G से घर बैठे कर पाएंगे कमाई, बिना कुछ किए सालाना मिलेंगे इतने रुपये

Subhi
26 Aug 2022 4:25 AM GMT
5G से घर बैठे कर पाएंगे कमाई, बिना कुछ किए सालाना मिलेंगे इतने रुपये
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5G सर्विस को जल्द देश में रोलआउट किया जाएगा। 5G सर्विस को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह 4G के मुकाबले काफी महंगी होगी। लेकिन सरकार और टेलिकॉम कंपनियां 5G सर्विस को लगातार किफायती बनाने पर जोर दे रही हैं।

5G सर्विस को जल्द देश में रोलआउट किया जाएगा। 5G सर्विस को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह 4G के मुकाबले काफी महंगी होगी। लेकिन सरकार और टेलिकॉम कंपनियां 5G सर्विस को लगातार किफायती बनाने पर जोर दे रही हैं। यही वजह है कि सरकार और टेलिकॉम कंपनियां स्ट्रीट फर्नीचर की मदद से गांवों और दूर-दराज इलाकों तक 5G सर्विस पहुंचाने की कोशिश कर रही है। इससे 5G को कम कीमत पर लोगों को उपलब्ध कराया जा सकेगा। आइए जानते हैं विस्तार से...

सालाना घर बैठे मिलेंगे 100 से 300 रुपये

सरकार की मानें, तो 5G सर्विस रोलआउट के लिए सड़क किनारे लगे हुए विभिन्न प्रकार के खंभे या ऐसी सभी चीजें जिसका इस्तेमाल सेल लगाने में किया जा सकता है। इसे स्ट्रीट फर्नीचर का नाम दिया गया है। इस स्ट्रीट फर्नीचर के इस्तेमाल के लिए कंपनियों गावों में सालाना के हिसाब से 100 रुपये और शहरी क्षेत्र में 300 रुपये देंगी।

बड़े पैमाने पर होगा निवेश

सरकार ने दावा किया है कि 90 फीसद ग्रामीण इलाकों में अब 4G सेवा उपलब्ध है। सरकार की तरफ से उम्मीद जताई गई है कि अगले दो-तीन साल में 2.5-3 लाख करोड़ का होगा। दूरसंचार मंत्री ने कहा कि 5जी सेवा शुरू होने से अगले दो-तीन वर्षो में दूरसंचार क्षेत्र में 2.5 से 3 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा और बड़ी संख्या में रोजगार भी निकलेंगे। कंपनियों ने नियुक्तियां शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि 50-60 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है और बाकी निवेश अगले 18-24 महीनों में होने की संभावना है।

उचित दर पर मिलेगी 5G सर्विस

केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि दूरसंचार सेवा भारत में अन्य देशों के मुकाबले सस्ती है और 5जी सेवा के लांच होने के बाद भी हमारी यह रैं¨कग जारी रहेगी। उन्होंने 12 अक्टूबर तक 5जी सेवा शुरू होने की उम्मीद जताई। वैष्णव ने बताया कि दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों से 5जी सेवा की उचित दर लेने के लिए कहा गया है। हालांकि, दर तय करने के लिए कंपनियां स्वतंत्र हैं।


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