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Business बिज़नेस : भारत में गोल्ड (Gold) खरीदना शुभ के साथ निवेश के लिए भी काफी पॉपुलर है। यहां तक कि शादी, बर्थडे या कोई बड़े फेस्टिवल में इसे गिफ्ट के तौर पर भी दिया जाता है। वैसे तो भारतीय महिलाओं को गोल्ड ज्वेलरी (Gold Jewellery) को लेकर एक अलग ही क्रेज है।
गोल्ड बहुत महंगा है और इसको सिक्योर रखने के लिए कई लोग बैंक लॉकर का इस्तेमाल करते हैं।
लेकिन, वहीं कई लोग इसे घर पर ही रखते हैं। ऐसे में घर में कितना गोल्ड रख सकते हैं (Gold Store Rule in India), इसके नियम को लेकर अभी भी कई लोग अनजान हैं। अगर घर में लिमिट से ज्यादा गोल्ड रखते हैं तो हमें उसका हिसाब देना होता है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) के नियमों के मुताबिक अगर घर में एक लिमिट से ज्यादा गोल्ड होता है तो
इसकी जानकारी आयकर विभाग को देनी होती है। वहीं, घर में रखा हुआ सोना का सबूत भी होना चाहिए। प्रूफ के तौर पर सोना कहां से खरीदा गया है या फिर किसके द्वारा गिफ्ट दिया गया है।
CBDT के सर्कुलर के अनुसार अगर विरासत में कोई सोना या गोल्ड ज्वेलरी मिलती है तब कोई टैक्स नहीं देना होता है। लेकिन, अगर विरासत में मिली गोल्ड ज्वेलरी को बेच दिया जाता है तब टैक्स का भुगतान करना होता है।
वहीं, अगर किसी व्यक्ति ने कोई गोल्ड ज्वेलरी खरीदी और तीन साल के भीतर ही उसे बेच दी तब उसे शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स (Short-Term Capital Gain Tax) देना होगा। 3 साल के बाद सोना बेचने पर लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स (Long-Term Capital Gain Tax) देना होता है।
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