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कम पैसों में शुरू कर सकते हैं LED बल्ब बनाने का व्यापार, कमाई होगी अंधाधुंध
jantaserishta.com
21 April 2022 9:23 AM GMT
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नई दिल्ली: लगभग हर कोई अपना बिजनेस शुरू करने का सपना देखता है. हालांकि बिजनेस शुरू करने में लगने वाले इन्वेस्टमेंट (Investment), जगह की कमी जैसी वजहों से ज्यादातर लोगों का यह सपना अधूरा रह जाता है. अगर सही से जानकारी जुटाई जाए तो ऐसे कई बिजनेस हैं, जिन्हें घर से ही शुरू किया जा सकता है और ज्यादा इन्वेस्टमेंट की भी जरूरत नहीं पड़ती है. घर में ही LED बल्ब बनाने का बिजनेस ऐसा ही आइडिया है. इसे महज 50 हजार रुपये लगाकर शुरू किया जा सकता हे और हर महीने लाखों में कमाई की जा सकती है.
एलईडी बल्ब (LED Bulb) बनाने का काम आसान है और इसमें बहुत जगह की भी जरूरत नहीं होती है. इस कारण एलईडी बल्ब बनाने का बिजनेस आसानी से आप घर से ही शुरू कर सकते हैं. सरकार भी लोगों को बिजनेस करने के लिए प्रोत्साहित करती है. एलईडी के बिजनेस में तो सरकार से सब्सिडी भी मिल जाती है. इस तरह एलईडी बल्ब बनाने का काम 50 हजार रुपये लगाकर घर से ही शुरू किया जा सकता है. इसमें रॉ मटीरियल्स की लागत भी शामिल है.
एक एलईडी बल्ब बनाने में करीब 50 रुपये की लागत आती है. बाजार की बात करें तो 50 रुपये में तैयार बल्ब को आसानी से 100 रुपये में बेचा जा सकता है. इसका मतलब हुआ कि यह बिजनेस लागत का डबल रिटर्न दे सकता है. मान लीजिए कि आप एक दिन में 100 बल्ब बनाते हैं. लागत और बाजार में बिक्री की कीमत को देखें तो हर बल्ब पर 50 रुपये की बचत होती है. इस तरह आप एक दिन में ही 5000 रुपये बचा सकते हैं. महीने की बात करें तो यह बचत 1.50 लाख रुपये की हो जाती है. आपको इसके लिए बस मार्केट तलाशने की जरूरत है.
एलईडी बल्ब बनाने के लिए सरकार से मान्यता प्राप्त कई संस्थान ट्रेनिंग देते हैं. स्वरोजगार कार्यक्रम के तहत भी एलईडी बल्ब बनाने की ट्रेनिंग दी जाती है. एलईडी बल्ब बनाने वाली कंपनियां भी लोगों को ट्रेनिंग ऑफर करती हैं. इसकी ट्रेनिंग में बताया जाता है कि एलईडी और पीसीबी के बारे में सारी चीजें बताई जाती हैं. ट्रेनिंग में एलईडी ड्राइवर, फिटिंग, टेस्टिंग, मटीरियल्स की खरीद, मार्केटिंग, सरकारी सब्सिडी आदि के बारे में बताया जाता है.
एलईडी बल्ब बनाने का बिजनेस शुरू करने के कई फायदे हैं. चूंकि इनकी रोशनी अच्छी होती है और बिजली की खपत कम होती है, इस कारण इसकी डिमांड काफी ज्यादा है. यह बल्ब शीशे का नहीं बल्कि प्लास्टिक का होता है. इस कारण यह टिकाऊ होता है. सीएफएल (CFL Bulb) की तुलना में ये न सिर्फ टिकाऊ होते हैं, बल्कि इनकी उम्र भी ज्यादा होती है. एलईडी बल्ब की लाइफ के बारे में माना जाता है कि ये 50 हजार घंटे चलते हैं. वहीं सीएफएल बल्ब करीब 8 हजार घंटे ही चल पाते हैं. इन कारणों से एलईडी बल्ब की डिमांड शहरों से लेकर गांवों तक बनी रहती है.
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