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किसानों को योगी सरकार का तोहफा

Sonam
31 July 2023 4:15 AM GMT
किसानों को योगी सरकार का तोहफा
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आवारा-छुट्टा जानवरों से परेशान यूपी के किसानों के लिए प्रदेश गवर्नमेंट अब ‘खेत सुरक्षा योजना’ ला रही है। इस योजना के अनुसार खेतों की मेड़ पर सोलर फेंसिंग (सौर बाड़ ) लगाई जाएगी। राज्य गवर्नमेंट इस योजना को पायलट या प्रायोगिक आधार पर इस वर्ष रबी की फसल के समय लागू करने की तैयारी कर रही है। यूपी में किसानों की फसलों को आवारा पशुओं से होने वाला हानि 2022 के विधानसभा चुनाव के समय एक बड़ा चुनावी मामला था।

इस योजना की विशेषता यह है कि इसमें छुट्टा पशु और किसानों की फसलें दोनों ही सुरक्षित रहेंगे। ‘सोलर फेंसिंग’ बिना हानि पहुंचाए जानवरों को खेतों से दूर रखती है। 12 वोल्ट का करंट पशु और मानव दोनों के लिए हानिकारक नहीं है। इसका झटका लगने से पशु पर मनोवैज्ञानिक असर पड़ेगा और वह खेत की तरफ नहीं आएगा। इसके अतिरिक्त पशु द्वारा बाड़ को छूते ही सायरन बजेगा।

आवारा पशुओं से परेशान

उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘आवारा पशुओं विशेषकर नीलगाय से प्रदेश के किसान बहुत परेशान हैं। यह किसानों की फसल को बहुत हानि पहुंचाते हैं। आवारा पशुओं से किसानों को बचाने के लिए प्रदेश गवर्नमेंट ‘मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा’ योजना ला रही है।’’ नीलगाय एक बड़ा और ताकतवर जानवर है। कद में नर नीलगाय घोड़े जितना होता है। यह फसलों को बहुत हानि पहुंचाते हैं।

योजना से लाभान्वित

चतुर्वेदी ने बताया, ‘‘तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश के किसान बड़े पैमाने पर इस तरह की योजना से लाभान्वित हो रहे हैं क्योंकि वहां यह योजना लागू है। इन राज्यों में चल रही इस योजना का शोध करने के लिए ऑफिसरों का एक दल सितंबर माह के पहले हफ्ते इन राज्यों का दौरा करेगा। हमारा कोशिश है कि प्रायोगिक आधार पर इस परियोजना को यूपी के कुछ जनपदों में हम रबी की फसल के दौरान लागू कर दें।’’ रबी की फसलें अक्टूबर और दिसंबर के बीच बोई जाती हैं और अप्रैल और मई के महीने में काटी जाती हैं।

किसान प्रभावित

कृषि विभाग के ऑफिसरों के मुताबिक, छुट्टा पशुओं की परेशानी से किसान बुरी तरह प्रभावित हैं। गवर्नमेंट इन पर रोक लगाने के अनेक तरीका कर रही है लेकिन अभी तक सारे तरीका नाकाफी साबित हो रहे हैं। कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि आवारा जानवरों से फसलों को बचाने के लिए किसानों ने खेतों के इर्द-गिर्द कंटीले तार लगाने प्रारम्भ किए, तो गवर्नमेंट ने इस पर रोक लगा दी। गवर्नमेंट का बोलना था कि इससे जानवर विशेषकर गोवंश घायल हो रहे हैं, लेकिन किसान अब भी चोरी-छिपे तार लगा रहे हैं। किसानों का बोलना है कि वे आखिर क्या करें।

योजना पर हो रहा काम

अपर मुख्य सचिव चतुर्वेदी ने कहा कि अब गवर्नमेंट इस परेशानी से निजात के लिए सीएम खेत सुरक्षा योजना (सोलर फेंसिंग) पर काम कर रही है। कृषि विभाग ने इसका पूरा प्रस्ताव तैयार कर लिया है और इसे जल्द ही मंत्रिमंडल की बैठक में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि विभाग का कोशिश होगा कि इस योजना का फायदा किसान समूह में प्राप्त करें क्योंकि एक किसान को बाड़ लगाने, खंभा लगाने आदि में अधिक पैसा खर्च करना पड़ेगा लेकिन यदि कई किसान जिनके खेत आसपास हो, उन सभी के खेतों को एक क्लस्टर के रूप में सौर बाड़ लगायी जाए तो इससे कम लागत आएगी।

कंरट होगा प्रवाहित

कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीएम खेत सुरक्षा योजना किसान के खेत की फसल को पशुओं से बचाने के लिए सोलर फेंसिंग की योजना है। इसके अनुसार लगाई जाने वाली सोलर फेंसिंग की बाड़ में मात्र 12 वोल्ट का करंट प्रवाहित होगा। इससे केवल पशुओं को झटका लगेगा। कोई क्षति नहीं होगी। हल्के करंट के साथ सायरन की आवाज भी होगी। इससे छुट्टा या जंगली जानवर मसलन नीलगाय, बंदर, सुअर आदि खेत में खड़ी फसल को क्षति नहीं पहुंचा सकेंगे। इसके लिए गवर्नमेंट लघु-सीमांत किसानों को प्रति हेक्टेयर लागत का 60 फीसदी या 1.43 लाख रुपये का आर्थिक सहायता भी देगी।

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