व्यापार
किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखी, टमाटर की कीमत हुई इतनी कम
jantaserishta.com
13 Feb 2022 10:14 AM GMT
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नई दिल्ली: तमिलनाडु (Tamil Nadu) में टमाटर की कीमत (Tomato Price) में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. दाम गिरने से किसान (Farmers) परेशान हैं. उनका कहना है कि अगर और गिरावट होती है तो हमें नुकसान उठाना पड़ेगा. फिलहाल व्यापारी खेत में से 10 रुपए प्रति किलो के भाव पर टमाटर की खरीद कर रहे हैं. नवंबर के महीने में कीमत आसमान छू रही थी, लेकिन दो महीने के भीतर ही गिरावट से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं.
राज्य के कोयंबटोर जिले में दो महीने पहले यानी नवंबर में प्याज की कीमत 100 रुपए प्रति किलो थी और बाजार भाव 130 से 150 रुपए था. हालांकि तब बारिश के कारण उत्पादन प्रभावित हुआ था और बढ़े हुए दाम का लाभ सिर्फ कुछ ही किसानों को मिल पाया था. स्थिति सामान्य होते ही 100 रुपए से घटते-घटते कीमत 10 रुपए पर आ गई है. किसानों का कहना है कि यहां तक तो ठीक है, लेकिन दाम और कम हुए तो नुकसान होना तय है.
जिले में 4000 हेक्टेयर में होती है टमाटर की खेती
कोयंबटोर जिले के दो ब्लॉक में बड़े पैमाने पर टमाटर की खेती होती है. बाकी के हिस्सों में भी किसान टमाटर लगाते हैं. राज्य बागवानी विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, जिले में हर साल 3500 से 4000 हेक्टेयर रकबे में टमाटर की खेती होती है. किसानों ने बताया कि एक एकड़ में टमाटर की खेती करने में 1 लाख रुपए का खर्च आता है.
टमाटर की रोपाई करने के 3 महीने बाद उत्पादन मिलने लगता है. किसानों ने बताया कि 3 महीने के इंतजार के बाद हम 3 महीने तक पैदावार लेते हैं. ज्यादातर किसान खेत से ही टमाटर की बिक्री व्यापारियों कर देते हैं, क्योंकि टमाटर को सुरक्षित रखने के लिए किसानों के पास व्यवस्था नहीं है. टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में एक किसान ने बताया कि इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण हम तुड़ाई के तुरंत बाद फसल बेच देते हैं.
10 रुपए से ऊपर रही कीमत तो होता है लाभ
उन्होंने कहा कि अगर खेत से खरीद की कीमत 10 रुपए से अधिक बनी रहती है तो लागत निकल आता है, लेकिन इससे कम होने पर नुकसान होता है. किसान ने बताया कि फिलहाल तो टमाटर 10 रुपए किलो बिक रहा है, लेकिन ट्रेडर्स हमसे भाव 10 से नीचे लाने के लिए कह रहे हैं. अगर ऐसा हुआ तो किसानों को लागत निकालने में मुश्किल आएगी.
एक किसान सी मुतुकुमार ने बताया कि पिछले साल वे बढ़ी हुई कीमतों का लाभ नहीं ले पाए थे, क्योंकि बारिश के कारण फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई थी. इस बार फसल काफी अच्छी है, लेकिन दाम गिर गए हैं. अगर ट्रेडर्स हमसे 12 रुपए प्रति किलो या उससे अधिक के रेट पर खरीद करते तो लाभ जरूर होता.
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