रिटायरमेंट से जुड़ी वित्तीय चुनौतियों को लेकर चिंतित हैं? तो इस तरह बनाएं योजना
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| वीनू मुंजाल पचपन वर्ष की हैं और गुरुग्राम स्थित एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के एचआरडी विभाग की नौकरी से उनके रिटायर होने में पांच साल रह गए हैं। महामारी ने उनके संस्थान को भी कार्यबल में कटौती करने को मजबूर किया है और वह विचार कर रही हैं कि एक साल में वह खुद नौकरी छोड़ दें। हालांकि वह रिटायरमेंट की तैयारी को लेकर चिंतित हैं। उन्हें क्या करना चाहिए? आप जैसे ही रिटायरमेंट का जिक्र करते हैं, तो अनेक लोगों को सबसे पहले यही खयाल आता है कि उन्हें काम पर जाने के लिए सुबह जल्दी तैयार नहीं होना होगा। मगर ऐसा तब होगा, जब आपने रिटायरमेंट की सही तरीके से प्लानिंग कर रखी हो, और वास्तव में बहुत से लोग रिटायरमेंट से जुड़ी वित्तीय चुनौतियों को लेकर चिंतित हैं।
जल्द करें शुरुआत: आदर्श रूप में तो यही माना जाता है कि किसी भी व्यक्ति को सेवानिवृत्ति की योजना के लिए अपनी पहली सैलेरी मिलने के बाद ही बचत शुरू कर देनी चाहिए। कई लोग कहेंगे कि वे ईपीएफ में तो योगदान करते ही हैं, लेकिन यह राशि काफी कम होती है और बीस से तीस साल के लंबे करियर में अनेक लोग किसी न किसी वित्तीय जरूरत के लिए इसमें से कुछ हिस्सा निकाल भी लेते हैं। अच्छा तो यह होगा कि रिटायरमेंट प्लान के रूप में अलग से बचत की जाए। आपको कोशिश करनी चाहिए कि आप अपने वेतन का दस फीसदी बचत करें। यानी यदि आपका वेतन पांच हजार है, तो पांच सौ रुपये से शुरुआत कर सकते हैं।
रिटायरमेंट को लेकर वित्तीय योजना बनाना महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे यह सुनिश्चित होता है कि सेवानिवृत्त होने के बाद आपकी आय का क्या स्रोत होगा। इसका संबंध आपके कामकाजी वर्षों में निवेश और बचत से है, क्योंकि आप जब काम करना बंद करें तो आपकी वित्तीय सुरक्षा हो सके। पारंपरिक रूप से सोचें तो यदि कोई व्यक्ति 25 वर्ष की उम्र में पहली नौकरी शुरू करता है और 60 वर्ष की उम्र में रिटायर होता है, तो उसका कामकाजी जीवन 35 वर्ष होगा। चूंकि अब औसत उम्र बढ़ चुकी है और यदि उसका जीवन 80 वर्ष मान लिया जाए तो उसे रिटायरमेंट के बाद कम से कम बीस वर्ष की वित्तीय सुरक्षा की जरूरत होगी, क्योंकि अब अधिकांश एकल परिवार की तरह रहते हैं।
शुरुआत करने की उम्र 20 वर्ष 30 वर्ष
निवेश के वर्ष 10 वर्ष 30 वर्ष
कुल निवेश छह लाख रुपये 18 लाख रुपये
साठ की उम्र में संपत्ति 3.45 करोड़ रुपये 1.75 करोड़ रुपये
अनुमानतः 12 फीसदी का रिटर्न
रिटायरमेंट कोष के लिए कितना धन : कोई भी अंदाजा नहीं लगा सकता कि उसका जीवन कितना लंबा होगा, इसलिए रिटायरमेंट के बाद के जीवन के लिए निवेश और बचत महत्वपूर्ण हो जाता है। दो तरह की रिटायरमेंट प्लानिंग होती है। पहले का संबंध संचय चरण से है, जब आप रिटायरमेंट कोष के लिए बचत और निवेश करते हैं। दूसरा चरण है, जब रिटायरमेंट के बाद आप इसका इस्तेमाल करते हैं। जब आप युवा होते हैं, तो आपके समक्ष बच्चों तथा आवास निर्माण से जुड़े अनेक वित्तीय लक्ष्य होते हैं। इससे हमेशा आपकी रिटायरमेंट योजना पर दबाव पड़ता है। फिर भी आपको थोड़ा ही सही, रिटायरमेंट के लिए जरूर निवेश करना चाहिए।
वीनू मुंजाल को रिटायरमेंट से संबंधित अपनी मौजूदा बचत का आकलन करना चाहिए और अंदाजा लगाना चाहिए कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें कितने खर्च की जरूरत होगी। यदि इसमें बड़ा अंतर है, तो उन्हें कुछ और वर्षों तक काम करने के बारे में विचार करना चाहिए। यदि उनके पास पर्याप्त फंड है, तो वह रिटायरमेंट के बारे में सोच सकती हैं।
कैसे बनें रिटायरमेंट कोषः कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ), पब्लिक प्राविडेंट फंड (पीपीएफ), नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस), बैंक डिटापिजट, म्यूचुअल फंड और शेयर, रियल एस्टेट, डेफर्ड एनुयिटी, अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री व्यय वंदन योजना (पीएमवीवीवाई), सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (एससीएसएस)।