x
Business.व्यवसाय: विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था के वृद्धि दर के अनुमान को 6.6% से बढ़ाकर 7% कर दिया है. कृषि क्षेत्र में सुधार और ग्रामीण मांग में तेजी की वजह से विश्व बैंक ने वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाया है. यह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और एशियाई विकास बैंक (ADB) के अनुमानों के अनुरूप है. दोनों बहुपक्षीय वित्तपोषण एजेंसियों ने 31 मार्च, 2025 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के लिए अपने अनुमान को बढ़ाकर 7% किया है.
आर्थिक समीक्षा के अनुसार, 2024-25 में देश का वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 6.5 से 7% की दर से बढ़ेगा. हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चालू वित्त वर्ष के लिए 7.2% की वृद्धि दर का अनुमान लगाया है.विश्व बैंक ने इससे पहले जून में अनुमान लगाया था कि 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.6% की दर से बढ़ेगी. उसने अब इसे 0.4% बढ़ा दिया है. विश्व बैंक के वरिष्ठ अर्थशास्त्री रैन ली ने कहा कि मानसून में सुधार, निजी खपत और बढ़ते निर्यात के दम पर भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान को ऊपर की ओर संशोधित किया जा रहा है.
विश्व बैंक ने मंगलवार को जारी ‘इंडिया डेवलपमेंट अपडेट’ (IDU) रिपोर्ट में कहा, दक्षिण एशिया क्षेत्र का बड़ा हिस्सा.. भारत की वृद्धि दर 2024-25 में 7% रहने की उम्मीद है.रिपोर्ट में कहा गया कि चुनौतीपूर्ण बाहरी परिस्थितियों के बीच विश्व बैंक को उम्मीद है कि भारत का मध्यम अवधि का दृष्टिकोण सकारात्मक रहेगा. वित्त वर्ष 2024-25 में वृद्धि दर सात% तक पहुंचने और वित्त वर्ष 2025-26 तथा 2026-27 में मजबूत रहने का अनुमान है. इसमें कहा गया, मजबूत राजस्व वृद्धि और आगे राजकोषीय समेकन के साथ लोन-जीडीपी अनुपात वित्त वर्ष 2023-24 में 83.9% से घटकर 2026-27 तक 82% पर आने का अनुमान है.
चालू खाते का घाटा (CAD) वित्त वर्ष 2026-27 तक सकल घरेलू उत्पाद के 1-1.6% के आसपास रहने की उम्मीद है.विश्व बैंक के भारत में निदेशक ऑगस्ते तानो कोउमे ने कहा कि भारत की मजबूत वृद्धि संभावनाओं के साथ-साथ घटती मुद्रास्फीति दर से अत्यधिक गरीबी को कम करने में मदद मिलेगी.उन्होंने कहा कि भारत अपनी वैश्विक व्यापार क्षमता का दोहन करके वृद्धि को और बढ़ा सकता है. आईटी, व्यावसायिक सेवाओं और औषधि जहां यह उत्कृष्ट है….उसके अलावा भारत वस्त्र, परिधान तथा जूते-चप्पल के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक और हरित प्रौद्योगिकी उत्पादों में निर्यात बढ़ाकर अपने निर्यात खंड में विविधता ला सकता है.इसमें कहा गया है कि कृषि क्षेत्र में सुधार से उद्योग में आई मामूली गिरावट की आंशिक भरपाई हो जाएगी और सेवाएं मजबूत बनी रहेंगी. कृषि में अपेक्षित सुधार से ग्रामीण मांग भी बेहतर होगी.
इंडिया डेवलपमेंट अपडेट (IDU) ने इस बात पर जोर दिया कि 2030 तक एक अरब अमेरिकी डॉलर के अपने माल निर्यात लक्ष्य तक पहुंचने के लिए भारत को अपने निर्यात खंड में विविधता लाने और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं का लाभ उठाने की जरूरत है. वह व्यापार लागत को और कम कर, व्यापार बाधाओं को दूर करके और व्यापार एकीकरण को बढ़ा लक्ष्य को हासिल कर सकता है.वरिष्ठ अर्थशास्त्री एवं रिपोर्ट के सह-लेखक नोरा डिहेल तथा रैन ली ने कहा कि उत्पादन की बढ़ती लागत तथा उत्पादकता में गिरावट के साथ वैश्विक परिधान निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 2018 के चार% से घटकर 2022 में तीन% रह गई है.उन्होंने कहा कि अधिक व्यापार-संबंधी नौकरियां सृजित करने के लिए भारत वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में अधिक पकड़ के साथ एकीकृत हो सकता है. इससे नवाचार और उत्पादकता बढ़ाने के अवसर भी उत्पन्न होंगे.
Tagsवर्ल्ड बैंकचालूवित्तभारतग्रोथरेटWorld BankCurrentFinanceIndiaGrowthRateजनता से रिश्ता न्यूज़जनता से रिश्ताआज की ताजा न्यूज़हिंन्दी न्यूज़भारत न्यूज़खबरों का सिलसिलाआज की ब्रेंकिग न्यूज़आज की बड़ी खबरमिड डे अख़बारJanta Se Rishta NewsJanta Se RishtaToday's Latest NewsHindi NewsIndia NewsKhabron Ka SilsilaToday's Breaking NewsToday's Big NewsMid Day Newspaper
Rajesh
Next Story