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विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मलपास ने बुधवार को कहा कि कोरोना महामारी के कारण बिगड़ी भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है।
विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मलपास ने बुधवार को कहा कि कोरोना महामारी के कारण बिगड़ी भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है और वह इस संकट से उबर रही है। उन्होंने कहा कि भारत औपचारिक क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में अधिक लोगों को इकट्ठा करने और लोगों की कमाई बढ़ाने की बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है। हालांकि, इसमें उसने कुछ प्रगति की है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। यहां संवाददाताओं से बातचीत के दौरान मलपास ने कहा, भारतीय कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुए और यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इस दौरान उन्होंने टीकों के विशाल उत्पादन और टीकाकरण के प्रयासों को लेकर भारत की तारीफ की है। उन्होंने यह भी कहा कि महामारी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था व उसके अनौपचारिक क्षेत्र पर जो प्रभाव पड़ा है, उसे पहचाने की आवश्यकता है।
भारतीय अर्थव्यवस्था 8.3 फीसदी की दर से बढ़ेगी
बीते हफ्ते विश्व बैंक ने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था के 2021-22 में 8.3 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, यह 2021 की शुरुआत में महामारी की दूसरी लहर से पहले के अनुमान से कम है। विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री (दक्षिण एशिया) हैंस टिमर ने कहा कि पिछले साल अर्थव्यवस्था में तेज गिरावट को देखते हुए यह बहुत अधिक नहीं लगता है, लेकिन मुझे लगता है कि घातक दूसरी लहर और स्वास्थ्य संकट की गंभीरता को देखते हुए यह वास्तव में बहुत सकारात्मक खबर है। हम अब भी भारतीय अर्थव्यवस्था के संभावित परिणामों को लेकर सकारात्मक हैं। मौजूदा वर्ष में हम जितनी प्रगति कर रहे हैं, अनिश्चितता उतनी ही कम है। 31 मार्च को विश्व बैंक ने एक रिपोर्ट में कहा था कि 2021-22 के दौरान भारत की जीडीपी की वास्तविक वृद्धि दर 7.5 से 12.5 फीसदी के बीच रह सकती है।
Deepa Sahu
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