व्यापार

वर्ल्ड बैंक ने इसकी बेहतरी की उम्मीद जताई, कहा कोरोना के बाद सबसे तेजी से बढ़ेगी इंडियन इकोनॉमी

Rani Sahu
8 Jun 2021 3:06 PM GMT
वर्ल्ड बैंक ने इसकी बेहतरी की उम्मीद जताई, कहा कोरोना के बाद सबसे तेजी से बढ़ेगी इंडियन इकोनॉमी
x
कोरोना महामारी के चलते भारत समेत दुनिया के सभी देशों पर इसका बुरा असर पड़ा है

कोरोना महामारी के चलते भारत समेत दुनिया के सभी देशों पर इसका बुरा असर पड़ा है. इससे अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है. मगर धीरे—धीरे स्थिति के दोबारा समान्य होने पर वर्ल्ड बैंक ने इसकी बेहतरी की उम्मीद जताई. इस दौरान विश्व बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर भी भरोसा जताया और कहा कि वित्त वर्ष 2021—2022 तक इकोनॉमी में 8.3 प्रतिशत की दर से बढ़ोत्तरी होने का अनुमान है.

वाशिंगटन स्थित वर्ल्ड बैंक की ओर से मंगलवार को जारी किए गए रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में COVID-19 की दूसरी लहर से सेवाओं समेत दूसरी चीजों पर प्रभाव पड़ा है. महामारी की शुरुआत के बाद से अर्थव्यवस्था में सुधार लाना भारत के लिए बाधा उत्पन्न कर रही है. विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था में 2019 में चार प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की गई थी. हालांकि साल 2023 में, भारत की अर्थव्यवस्था में 6.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि हो सकती है.
इस दौरान वर्ल्ड बैंक ने वैश्विक अर्थव्यवस्था 2021 को लेकर भी अनुमान बताया. रिपोर्ट के मुताबिक इसमें 5.6 प्रतिशत तक विस्तार की संभावना है. जबकि भारत के लिए अप्रैल 2021 से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष 2021/22 में जीडीपी के 8.3 प्रतिशत का विस्तार करने की उम्मीद है.
रिपोर्ट के अनुसार, "कोविड -19 मामलों में वृद्धि के चलते राज्यों में लगाए गए प्रतिबंध की वजह से काम और खुदरा व्यापार ठप हो गए. साथ ही यातायात कम हो गए. इससे मार्च के बाद से विकास गति एक तिहाई से अधिक धीमा हो गया है. मगर वित्त वर्ष 2021 के बजट के जरिए महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए स्वास्थ्य देखभाल और बुनियादी ढांचे पर लक्षित उच्च व्यय की ओर एक महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव को चिह्नित करने से लाभ मिलेगा.
भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से सूक्ष्म, लघु और मध्यम फर्मों को आर्थिक मदद मुहैया कराना और नॉन परफॉर्मिंग लोन्स के नियमों में ढील देने से कारोबारियों को राहत मिली है. हालांकि ऐसे उपायों को और विकसित करने और नए सिरे से स्वास्थ्य और आर्थिक समस्याओं को सुलझाने के लिए नीति समर्थन की जरूरत हो सकती है.


Next Story