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5जी के आने से भारत में 2024 तक दोगुना हो जाएगा डेटा का उपयोग

Teja
16 Feb 2023 11:42 AM GMT
5जी के आने से भारत में 2024 तक दोगुना हो जाएगा डेटा का उपयोग
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नई दिल्ली। नोकिया मोबाइल ब्रॉडबैंड इंडेक्स (एमबीआईटी) की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2024 तक मोबाइल इंटरनेट डेटा का उपयोग दोगुना हो जायेगा और इसमें 5जी नेटवर्क नए त्वरणकर्ता की भूमिका निभाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि 5जी प्रौद्योगिकी अधिक हरित अर्थव्यवस्था की बुनियाद होगी और अब बिना डिजिटल के ग्रीन की कल्पना नहीं की जा सकती। रिपोर्ट में कहा गया है कि 5जी नेटवर्क देश में कार्य की दक्षता, उत्पादकता और स्वच्छ विकास की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और इससे भारतीय उद्योग में डिजिटलीकरण को प्रोत्साहन मिलेगा।

रिपोर्ट के अनुसार औद्योगीकरण की चौथी क्रांति डिजिटल टेक्नॉलाजी से नियंत्रित विनिर्माण पर आधारित होगी और भारत को 5जी और 4जी दूरसंचार नेटवर्क से आईसीटी (सूचना एवं दूरसंचार प्रौद्योगिकी) के क्षेत्र में विनिर्माण और आपूर्ति श्रृंखला का वैश्विक केन्द्र बनने में मदद मिल सकती है। नोकिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं कंपनी के भारत में बाजार प्रमुख संजय मलिक ने गुरुवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में यह रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि देश में मोबाइल डेटा उपयोग पिछले पांच वर्षों में 3.2 गुना से अधिक बढ़ा है और यह 14 एक्साबाइट प्रति माह से अधिक पहुंच गया है।

उन्होंने बताया कि नोकिया की रिपोर्ट के अनुसार देश में मोबाइल डेटा उपयोग प्रति माह 2018 के 4.5 एक्साबाइट से बढ़कर 2022 में 14.4 एक्साबाइट तक पहुंच गया। अक्टूबर में 5जी की वाणिज्यिक शुरुआत के साथ मोबाइल डेटा की खपत बढ़ने का भी संकेत मिला है क्योंकि संचार सेवा प्रदाताओं ने 5जी नेटवर्क की शुरुआत तेजी से नए क्षेत्रों में की है। उन्होंने बताया कि प्रति उपयोगकर्ता औसत डेटा का उपभोग 2018 के बाद से तेजी से बढ़कर 2022 में 19.5 जीबी पहुंच गया है। देश में कुल मोबाइल डेटा उपभोग 2024 तक 43.7 एक्साबाइट होने का अनुमान है।

उल्लेखनीय है कि भारत में रिलायंस जियो और भारती एयरटेल में देश में अपने 5जी नेटवर्क सेवा की शुरुआत 2022 की तीसरी तिमाही से कर दी है और सघन उपयोग वाले विभिन्न स्थानों पर उनकी सेवायें काम करने लगी हैं। रिपोर्ट के अनुसार 2022 में भारत में सात करोड़ 5जी उपकरण बेचे गए। रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रति उपयोगकर्ता मोबाइल डेटा की खपत साल दर साल 19 प्रतिशत की दर से बढ़ते हुए 2018 के 9.7 जीबी मासिक से बढ़कर 2022 में 19.5 जीबी मासिक हो गई। भारत में प्राइवेट वायरलेस ढांचे पर निवेश 25 करोड़ डॉलर होने का अनुमान है जिनका उपयोग परिवहन, विनिर्माण, बिजली-पानी जैसी सार्वजनिक उपयोग की सुविधाएं उपलब्ध कराने वाली कंपनियों द्वारा किया जाएगा।

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