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आधारित वेतन वृद्धि (एमएसआई) शुरू करेगी, जो एक सितम्बर से प्रभावी होगी.
आईटी सेक्टर (सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र) की कंपनी विप्रो (Wipro) की परोपकारी यूनिट ने कोविड महामारी का मुकाबला करने के लिये शुरुआत में दिये गये 1,125 करोड़ रुपये के अतिरिक्त 1,000 करोड़ रुपये की और सहायता देने की प्रतिबद्धता जताई है. कंपनी के संस्थापक और चेयरमैन अजीम प्रमजी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
प्रेमजी ने बांबे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सोसायटी के स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में इसकी घोषणा करते हुये कहा कि अतिरिक्त अनुदान प्राथमिक तौर पर सभी के टीकाकरण के लिये दिया जायेगा. पिछले साल जब कोरोना वायरस शुरू हुआ था तब विप्रो ने महामारी से लड़ने के लिये 1,125 करोड़ रुपये की सहायता दी थी. इसमें पुणे स्थित कंपनी के कार्यालय को अस्पताल में परिवर्तित करना भी शामिल था.
अजीम प्रेमजी ने कहा, ''हमारे काम के साथ साथ जैसे जैसे स्थिति बदलती चली गई, हमने महसूस किया है कि सभी का टीकाकरण भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितनी की दूसरी पहलें. इसलिये हमने कोविड- 19 राहत रणनीति में एक और महत्वपूर्ण कार्य को जोड़ा है और इसके लिये 1,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त देने की प्रतिबद्धता जताई है.''
प्रेमजी ने महामारी को सदियों में एक बार होने वाली घटना बताया और इसके लिये सभी उपलब्ध संसाधनों को साथ लेकर लड़ने का संकल्प जताया. उन्होंने कहा कि इसके शुरुआती दिनों में ही इस महामारी से लड़ने के लिये मानवीय और स्वास्थ्य के पहलू को लेकर योजना तैयार कर ली गई थी.
अजीम प्रेमजी ने अपनी पूरी 80 अरब डालर से अधिक की संपत्ति को धर्मार्थ कार्यों के लिये देने की प्रतिबद्धता जताई है. उनका शिक्षा पर खास जोर रहा है. समझा जाता है कि वह बच्चों को बिना परीक्षा के अगली कक्षाओं में बिठा दिये जाने के सख्त खिलाफ हैं और स्कूल के दिनों का जो नुकसान हुआ है उस पर उपयुक्त ध्यान दिया जाना चाहिये.
कर्मचारियों की सैलरी भी बढ़ाएगी विप्रो
कोविड-19 से प्रभावित आर्थिक गतिविधियों के बीच आईटी कंपनी विप्रो लिमिटेड ने कहा कि वह एक सितम्बर से अपने कनिष्ठ कर्मचारियों का वेतन बढ़ाएगी. कंपनी ने एक बयान में कहा कि विप्रो बैंड बी3 (सहायक प्रबंधक और नीचे) तक के सभी पात्र कर्मचारियों के लिए योग्यता आधारित वेतन वृद्धि (एमएसआई) शुरू करेगी, जो एक सितम्बर से प्रभावी होगी.
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