व्यापार

क्या सरकार आम लोगों के PHONE कॉल्‍स की रिकॉर्डिंग करेगी, जानिए सच्चाई

Neha Dani
27 May 2021 10:46 AM GMT
क्या सरकार आम लोगों के PHONE कॉल्‍स की रिकॉर्डिंग करेगी, जानिए सच्चाई
x
व्हॉट्सएप का कहना है कि ओरिजनल मैसेज तक पहुंच मुहैया कराने से यूजर की प्राइवेसी खतरे में पड़ जाएगी.

इन दिनों एक व्‍हाट्स एप मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है. इस मैसेज में कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार की तरफ से जल्‍द ही नए संचार नियम लागू किए जाने वाले हैं. इन नियमों के तहत सरकार अब सोशल मीडिया और फोन कॉल पर भी नजर रखने वाली है. अब सरकार ने इस मैसेज को पूरी तरह से फेक बताकर, इस मैसेज को मानने से इनकार कर दिया है.

PIB ने बताया मैसेज फर्जी
केंद्र सरकार के दावे वाले कई तथ्‍यों और गलत पोस्‍ट्स की जांच करने वाली एजेंसी, प्रेस इनफॉर्मेशन ब्‍यूरो (पीआईबी) की तरफ फैक्‍ट चैक टीम ने इस मैसेज को पूरी तरह से फर्जी करार दे दिया है. पीआईबी की तरफ से कहा गया है कि यह दावा पूरी तरह से फर्जी है. भारत सरकार की तरफ से ऐसा कोई भी नियम लागू नहीं किया गया है. इसके अलावा सरकार ने किसी भी फर्जी और अस्‍पष्‍ट जानकारी को फॉरवर्ड न करने की सलाह भी दी है.
कौन सा मैसेज हो रहा है वायरल
जो मैसेज वायरल हो रहा है उसमें कहा जा रहा है कि व्हाट्सएप्प और फोन कॉल के लिए नए संचार नियम लागू होंगे? सभी कॉल्‍स को रिकॉर्ड किया जाएगा. सभी कॉल रिकॉर्डिंग को सरकार सहेज कर रखेगी. व्हाट्सएप्प, फेसबुक, ट्विटर और सभी सोशल मीडिया पर भी सरकार नजर रखेगी. मैसेज के मुताबिक जो भी इस बात से वाकिफ न हो, उसे जरूर बताएं. मैसेज में यह भी कहा गया है कि आपके उपकरण मंत्रालय प्रणाली से जुड़े होंगे. ऐसे में सावधान रहें कि किसी को गलत संदेश न भेजें. अपने बच्चों, भाइयों, रिश्तेदारों, दोस्तों और परिचितों को बताएं कि आपको उनकी देखभाल करनी चाहिए और शायद ही कभी सोशल साइट्स चलाना चाहिए.
पीएम से जुड़ी पोस्‍ट शेयर न करने की सलाह
मैसेज में ये भी लिखा है कि 'राजनीति या मौजूदा स्थित पर सरकार या प्रधानमंत्री से जुड़ी कोई भी पोस्‍ट या वीडियो शेयर न करें. इस समय किसी भी राजनीतिक या धार्मिक मुद्दे पर संदेश लिखना या भेजना अपराध है ऐसा करने पर बिना वारंट के गिरफ्तारी हो सकती है. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि पुलिस नोटिफिकेशन जारी करेगी फिर साइबर क्राइम के तहत कार्रवाई की जाएगी. मैसेज में उन लोगों को भी आगाह किया गया है जो व्‍हाट्सएप ग्रुप पर हैं. इसमें कहा गया है कि आप सभी समूह के सदस्य, ग्रुप एडमिन इस बात पर विचार करें. सावधान रहें कि गलत संदेश न भेजें. कृपया इसे साझा करें.
जारी और सरकार और सोशल मीडिया की जंग
पीआईबी की तरफ से इस वायरल मैसेज को ऐसे समय में फर्जी करार दिया गया है जब देश में फेसबुक, ट्विटर और व्‍हाट्सएप पर यूजर की प्राइवेसी को लेकर बड़ी बहस जारी है. गुरुवार को इनफॉर्मेशन एंड टेक्‍नोलॉजी मिनिस्‍टर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि व्हाट्स एप यूजर्स को नये सोशल मीडिया नियमों से डरने की कोई जरूरत नहीं है. उनका कहना था कि ये नियम इन तमाम प्‍लेटफॉर्म्‍स के गलत प्रयोग को रोकने के लिए तैयार किये गये हैं. उन्होंने आगे कहा कि नये नियमों के तहत यूजर्स के पास शिकायत निवारण के लिए एक मजबूत तंत्र होगा.
25 फरवरी को आए हैं नए नियम
केंद्र सरकार की तरफ से 25 फरवरी को नए डिजिटल नियमों की घोषणा की गई थी. इन नए नियमों के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे बड़े सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म्‍स को सुरक्षा के अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी. इसमें मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और भारत स्थित शिकायत अधिकारी की नियुक्ति जैसे उपाय शामिल हैं. सरकार ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म्‍स के लिए नए नियम बनाए हैं जिनके देश में 50 लाख से ज्‍यादा यूजर्स हैं. व्हॉट्सएप ने सरकार के नये डिजिटल नियमों को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है जिसके एक दिन बार सरकार की यह प्रतिक्रिया आयी है. व्हॉट्सएप का कहना है कि ओरिजनल मैसेज तक पहुंच मुहैया कराने से यूजर की प्राइवेसी खतरे में पड़ जाएगी.


Next Story