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देश में आर्थिक संकट से उबरने के लिए क्या नोटों की छपाई करेगी सरकार? वित्त मंत्री ने दिया जवाब
Deepa Sahu
26 July 2021 3:57 PM GMT
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कोविड-19 महामारी से देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है।
कोविड-19 महामारी से देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। सरकार इससे उबरने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। लेकिन मौजूदा आर्थिक संकट से उबरने के लिए सरकार की मुद्रा नोटों को छापने की कोई योजना नहीं है। इसकी जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में दी। वित्त मंत्री से सवाल पूछा गया था कि, 'क्या आर्थिक संकट से उबरने के लिए करेंसी नोटों की छपाई की कोई योजना है?' इसके उत्तर में वित्त मंत्री ने कहा -नहीं।
वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना चलते वर्तमान आर्थिक संकट से निपटने के लिए सरकार की करेंसी नोट छापने की कोई योजना नहीं है। इस सवाल पर कि क्या संकट से उबरने के लिए करेंसी नोट छापने की कोई योजना बनाई जा रही है, निर्मला सीतारमण ने जवाब में इससे साफ इनकार कर दिया। बता दें कि कई अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों ने सरकार को सलाह दी है कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और नौकरियां बचाने के लिए करेंसी नोट की अधिक छपाई का सहारा लिया जाना चाहिए।
Govt reduced basic customs duty on Masur dal to nil & halved Agriculture infrastructure Development Cess on the lentil to 10%. Basic customs duty reduced from 10% to nil on lentils (Masur) originated in or exported from countries other than the USA: FM Nirmala Sitharaman in LS pic.twitter.com/C1E5kB0jEr
— ANI (@ANI) July 26, 2021
अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों ने दिया ये सुझाव
हालांकि कई अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों ने सरकार को सुझाव दिया है कि महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए और अधिक मुद्रा नोटों को छापा जाना चाहिए। मालूम हो कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पिछले वित्त वर्ष यानी 2020-21 में 7.3 फीसदी की गिरावट आई है।
वित्त वर्ष 2022 में 10.5 फीसदी रह सकती है वृद्धि दर- आरबीआई
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2022 के लिए आरबीआई द्वारा अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 10.5 फीसदी है। उन्होंने कहा कि, 'मुझे विकास के अनुमान को नीचे की ओर संशोधित करने का कोई कारण नहीं दिखता है। पिछले वित्त वर्ष की शुरुआत जहां भारी गिरावट के साथ हुई थी, वहीं चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था वृद्धि की राह पर लौटी और जनवरी-मार्च 2021 तिमाही में 1.6 फीसदी वृद्धि हासिल की गई।
टीकाकरण की गति से तय होगा पुनरुद्धार का रास्ता
पिछले महीने भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारियों के एक लेख में कहा गया था कि कोविड-19 टीकाकरण की गति और पैमाना आर्थिक पुनरुद्धार के रास्ते को तय करेगा। इसमें यह भी कहा गया था कि अर्थव्यवस्था में महामारी तथा पहले से मौजूद चक्रीय और संरचनात्मक बाधाओं से पार पाने की जरूरी क्षमता तथा मजबूती है। एशियाई विकास बैंक ने कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के कारण चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटाकर 10 फीसदी किया।
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