इन्वेस्टमेंट के लिए क्या PPF vs VPF होगा बेहतर? निवेश करने से पहले जानें डिटेल
जनता से रिश्ता बेवङेस्क | बात जब निवेश की करते हैं तो दो बातों पर प्रमुखता से ध्यान देते हैं. पहला कि इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न कितना है जिसे return on investment कहते हैं. दूसरा यह निवेश के लिहाज से कितना सुरक्षित है. इसके अलावा यह भी देखते हैं कि टैक्स के नियम (Taxation rules) क्या हैं. इस आर्टिकल में आपको बताएंगे कि वॉलेंटियरी प्रोविडेंट फंड (VPF) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश के लिए कौन बेहतर विकल्प है और क्यों.
वॉलेंटियरी प्रोविडेंट फंड (VPF) एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड का एक्सटेंशन है. ईपीएफ में बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता का 12 फीसदी योगदान किया जाता है. उससे ज्यादा निवेश करने पर यह VPF में काउंट होता है. हालांकि यह मैक्सिमम बेसिक सैलरी का 100 फीसदी हो सकता है. इसमें वहीं शख्स निवेश कर सकता है तो जो सैलरीड हो. इसमें रिटायरमेंट तक निवेश किया जाता है, साथ ही इसकी मिनिमम लिमिट नहीं है. EPF/VPF पर टैक्स और रिटर्न की बात करें तो वित्त वर्ष 2020-21 को लिए अभी तक इंट्रेस्ट रेट की घोषणा नहीं की गई है.
टैक्सेशन रूल्स
वित्त वर्ष 2019-20 के लिए यह 8.5 फीसदी है. ईपीएफ या वीपीएफ में निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन का लाभ मिलता है. सेक्शन 80सी की लिमिट 1.5 लाख रुपए है. इंट्रेस्ट का कैलकुलेशन सालाना होता है और यह पूरी तरह टैक्स फ्री होता है. हालांकि नियम में बदलाव के बाद नए वित्त वर्ष से 2.5 लाख से ज्यादा निवेश करने पर अडिशनल फंड के इंट्रेस्ट इनकम पर टैक्स लगेगा. VPF और EPF EEE (exempt,exempt, exempt) कैटिगरी के अंतर्गत आता है.
आमलोगों के लिए PPF
पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी PPF को आम लोगों के लिए लाया गया था. इसमें कोई भी निवेश कर सकता है. हालांकि एक वित्त वर्ष में इसमें अधिकतम 1.5 लाख रुपए निवेश किए जा सकते हैं. निवेश की अवधि 15 सालों की होती है. उससे आगे 5-5 सालों की अवधि के लिए निवेश को आगे बढ़ाया जा सकता है. एक वित्त वर्ष में कम से कम 500 रुपए जरूर निवेश करना होगा. अगर किसी वित्त वर्ष में ऐसा नहीं करते हैं तो उसे पीपीएफ अकाउंट को डी-एक्टिवेट कर दिया जाता है. इसमें निवेश करने पर सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन का लाभ मिलेगा. इसकी लिमिट 1.5 लाख रुपए है.
PPF पर टैक्स के नियम
PPF पर रिटर्न और टैक्स बेनिफिट की बात करें 2021 की मार्च तिमाही के लिए इंट्रेस्ट रेट 7.1 फीसदी है. इंट्रेस्ट रेट हर तिमाही अपडेट होता है. निवेश करने पर 80सी के तहत डिडक्शन का लाभ, इंट्रेस्ट इनकम पूरी तरह टैक्स फ्री और मौच्योरिटी भी टैक्स फ्री होता है. यह EEE (exempt,exempt, exempt) कैटिगरी के अंतर्गत आता है. निवेश का यह सुरक्षित माध्यम भी है क्योंकि सरकार सुरक्षा की गारंटी लेती है.
फिक्स्ड इनकम के लिए प्रोविडेंट फंड शानदार विकल्प
ऐसे में अगर आप हाई टैक्स ब्रैकेट में आते हैं और फिक्स्ड इनकम में निवेश करना चाहते हैं तो प्रोविडेंट फंड शानदार विकल्प है. सैलरीड के लिए ईपीएफ और सेल्फ एंप्लॉयड के लिए पीपीएफ का विकल्प है. पोर्टफोलियो ज्यादा बड़ा है तो दोनों में निवेश किया जा सकता है. इसमें रिटर्न पूरी तरह टैक्स फ्री होता है.