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नई दिल्ली: इन दिनों ज्यादातर स्मार्टफोन नियर फील्ड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी से लैस हैं, जिन्हें NFC के नाम से जाना जाता है। यदि आपने कभी सैमसंग पे या Google Pay जैसे मोबाइल भुगतान ऐप का इस्तेमाल किया है, तो शायद आप पहले से ही जानते होंगे कि NFC कैसे काम करता है।
वाई-फाई या ब्लूटूथ के उलट, एनएफसी इंटरैक्शन बेहद कम सीमा तक सीमित है। स्मार्टफोन के अलावा, आप कभी-कभी NFC को टैबलेट, स्पीकर पर भी देख सकते हैं।
आसान भाषा में समझें तो NFC का मतलब होता है नियर फील्ड कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी। इस टेक्नोलॉजी में रेडियो फील्ड के जरिये डाटा ट्रांसफर किया जाता है। NFC का इस्तेमाल करने के दो डिवाइस को एक-दूसरे के करीब लाकर डेटा ट्रांसफर या पेमेंट किया जाता है।
NFC पेमेंट के लिये NFC इनेबल स्मार्टफोन और एटीएम कार्ड की जरूरत पड़ती है। आप बिना इंटरनेट या बैटरी के NFC से पेमेंट ट्रांसफर कर सकते हैं। NFC की मदद से पैसे ट्रांसफर करने के अलावा वीडियो, कॉन्टैक्ट और फोटो को भी ट्रांसफर किया जा सकता है। इसमें ब्लूटूथ की भी जरूरत नहीं पड़ती है।
फास्ट पेयरिंग: NFC की सुविधा उन डिवाइसों तक फैली हुई है जिनमें स्क्रीन नहीं है। कई वायरलेस स्पीकर और हेडफ़ोन इसका इस्तेमाल आपके स्मार्टफ़ोन के साथ इनफार्मेशन जानकारी का आदान-प्रदान करने के लिए करते हैं। आसान फोटो और वीडियो ट्रांसफर के लिए कुछ कैमरे वाई-फाई डायरेक्ट कनेक्शन को जल्दी से शुरू करने के लिए भी इसका इस्तेमाल करते हैं।बिना कार्ड के भी कर सकेंगे ऑनलाइन पेमेंट, पलक झपकते काम करेगा NFC
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