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नई दिल्ली | अत्यधिक बारिश के कारण देशभर में टमाटर की फसल को नुकसान हुआ है. ऐसे में टमाटर के उत्पादन में भारी गिरावट आई, जिससे आपूर्ति प्रभावित होने से टमाटर महंगा हो गया. इसकी कीमत में 300 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। लेकिन खास बात ये है कि बंपर सप्लाई के बाद अब प्याज भी महंगा हो गया है. पिछले एक महीने के अंदर प्याज की कीमत में 28 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है.दरअसल, प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी का ये खुलासा एगमार्कनेट के आंकड़ों से हुआ है. एगमार्कनेट के मुताबिक, एशिया की सबसे बड़ी ब्याज मंडी लासलगांव में प्याज का मॉडल प्राइस 8 जुलाई को 1,340 रुपये प्रति क्विंटल था, जो अगस्त महीने में बढ़कर 1,725 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. वहीं, जुलाई महीने की तुलना में मंडियों में प्याज की आवक बढ़ गई है. इसके बावजूद कीमतें 28 फीसदी बढ़ गई हैं.
यार्ड में सिर्फ 18.25 लाख टन प्याज की आवक हुई थी.
1 जुलाई से 7 अगस्त के बीच कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) के प्रांगण में 22.33 लाख टन प्याज की आवक हुई, जो एक रिकॉर्ड है. वहीं, एक साल पहले इसी अवधि में यार्ड में सिर्फ 18.25 लाख टन प्याज की आवक हुई थी. लेकिन, सप्लाई बढ़ने के बावजूद प्याज की कीमतें बढ़ी हैं, जो अपने आप में चिंता का विषय है. 1 अप्रैल से 7 अगस्त तक की आवक पर नजर डालें तो देशभर के एपीएमसी यार्ड में रिकॉर्ड तोड़ प्याज सप्लाई की जानकारी मिलती है. ऐसे में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि प्याज की कीमतें प्रति माह 5 फीसदी की दर से बढ़ी हैं. जबकि इसमें सालाना 15 फीसदी की दर से बढ़ोतरी हो रही है.
गुणवत्ता के आधार पर कीमतों में 16-25 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी हुई है
वहीं, जानकारों का कहना है कि घरेलू मांग बढ़ने के कारण पिछले हफ्ते प्याज की कीमतों में 3 से 4 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी दर्ज की गई. वहीं, हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजित शाह का कहना है कि प्याज की कीमतें क्यों बढ़ी हैं, यह जानने में एक से दो हफ्ते और लग सकते हैं. नासिक के प्याज निर्यातक विकास चौधरी ने कहा कि गुणवत्ता के आधार पर पिछले दो सप्ताह में प्याज की कीमतें 16-25 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ी हैं।
अच्छी क्वालिटी का प्याज नहीं आ रहा है
इसके साथ ही विकास चौधरी ने कहा कि मंडियों में अच्छी क्वालिटी का प्याज नहीं आ रहा है. संभव है कि इस वजह से भी प्याज के दाम बढ़ते रहें. एग्री कमोडिटीज एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (एसीईए) के अध्यक्ष एम मदन प्रकाश ने कहा कि ऐसा लगता है कि अप्रैल-मई में महाराष्ट्र में हुई बारिश के कारण प्याज का स्टॉक खराब हो गया है. इससे स्टॉक में रखा प्याज खराब हो गया, जिससे उसकी गुणवत्ता प्रभावित हुई. वहीं, एगमार्कनेट डेटा से पता चलता है कि मौजूदा प्याज की कीमतें 2021 की दरों के बराबर हैं। लेकिन 2017 की तुलना में अभी भी कम हैं।
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Harrison
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