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टमाटर के दाम : कभी 300 रुपये प्रति किलो बिकने वाले टमाटर की कीमत अब सामान्य हो गई है. देश में आम लोगों को टमाटर 30 से 40 रुपये प्रति किलो के दाम पर मिल रहा है, लेकिन किसानों की टेंशन बढ़ गई है. किसान अपनी टमाटर की फसल कम दाम पर बेचने को मजबूर हैं.
टमाटर सिर्फ 80 पैसे प्रति किलो
महाराष्ट्र के लातूर में किसानों की हालत ऐसी है कि उन्हें अपनी टमाटर की फसल महज 80 पैसे प्रति किलो के हिसाब से बेचनी पड़ रही है. थोक बाजार में इसकी कीमतों में भारी गिरावट आई है, जिससे किसान टमाटर की फसल की लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं.
किसानों ने क्या कहा?
लातूर के एक किसान का कहना है कि अच्छा मुनाफा पाने के लिए उन्होंने 2 से 3 हेक्टेयर में टमाटर की खेती की. इस फसल को तैयार करने में 2 से 3 लाख रुपये का खर्च आता है, लेकिन अब हालात ऐसे हैं कि वे अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं. किसानों ने इस पर आपत्ति जताई है और सड़क पर टमाटर फेंककर विरोध जताया है. किसानों ने सरकार से उचित दाम दिलाने की गुहार लगाई है.
टमाटर के दाम इतने क्यों गिरे ?
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले टमाटर के दाम आसमान पर पहुंच गए थे. भारी बारिश और सप्लाई की कमी के कारण देश में टमाटर की कीमत करीब 200 से 300 रुपये तक पहुंच गई है. ऐसे में भारी मुनाफा कमाने के लिए ज्यादातर जगहों पर टमाटर की खेती होने लगी, जिसका असर पैदावार पर पड़ा. अधिक उत्पादन के कारण टमाटर की आपूर्ति बढ़ गयी है. जैसे ही आपूर्ति श्रृंखला फिर से शुरू हुई, टमाटर बड़ी मात्रा में बाजारों में पहुंचने लगा। इससे टमाटर की कीमत में भारी गिरावट आई।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2005-06 में 5,47,000 हेक्टेयर में खेती हुई जबकि उत्पादन 99,68,000 हेक्टेयर तक हुआ. जबकि सत्र 2022-23 में 8,64,000 एकड़ में टमाटर की खेती हुई और उत्पादन बढ़कर 2,62,000 एकड़ हो गया. 2023-24 में यह अनुमान दोगुना होने वाला है. यही मुख्य कारण है कि टमाटर को सही कीमत नहीं मिल पा रही है.
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