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आखिर टायर काले रंग के ही क्यों होता है?

Ritisha Jaiswal
21 Jun 2022 1:47 PM GMT
आखिर टायर काले रंग के ही क्यों होता है?
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आप जब भी अपनी बाइक, कार या किसी भी अन्य वाहन के लिए टायर खरीदने जाएंगे तो आपको सिर्फ काले रंग के टायर ही मिलेंगे

आप जब भी अपनी बाइक, कार या किसी भी अन्य वाहन के लिए टायर खरीदने जाएंगे तो आपको सिर्फ काले रंग के टायर ही मिलेंगे. आप कोई भी बाइक, कोई भी कार या कोई भी अन्य वाहन खरीदकर घर लाएंगे, तो उसमें भी आपको सिर्फ काले रंग के टायर ही मिलेंगे, फिर चाहे वह किसी भी रंग का वाहन क्यों ना हो. इसके अलावा अगर आप टायर खरीदने जाएंगे, तब आप भी किसी दुकान वाले से यह नहीं कहेंगे कि ब्लैक कलर के अलावा किसी और रंग के टायर दे दीजिए. क्योंकि, हर कंपनी के टायर का रंग काला ही होता और आपने भी हमेशा से काले रंग के टायर ही देखे होंगे. लेकिन, क्या आपने कभी यह सोचा है कि आखिर टायर काले रंग के ही क्यों होता है?

पहले सफेद भी होते थे टायर्स
काफी लोगों को यह जानकारी नहीं होगी कि करीब सवा सौ साल पहले टायर्स का रंग सफेद भी होता था. लेकिन, बाद में इन्हें काले रंग में बनाया जाने लगा. दरअसल, सफेद रंग के टायरों का असली मटेरियल ज्यादा मजबूत नहीं होता था, जिसके कारण यह ऑटोमोबाइल के हिसाब से बहुत सही प्रोडक्ट साबित नहीं हो पा रहे थे. यह वाहनों के प्रदर्शन को भी काफी प्रभावित करते थे. ऐसे में टायर को मजबूती देने और इनकी उम्र बढ़ाने के लिए इन्हें तैयार करने में कार्बन ब्लैक मटेरियल का इस्तेमाल किया जाने लगा.
काले रंग के टायर्स के फायदे
कार्बन ब्लैक मटेरियल के इस्तेमाल से टायर मजबूत हो गए और उनकी उम्र भी बढ़ गई. कार के टायर्स में जो कार्बन मिलाया जाता है, वह गर्मी को पूरी कार से दूर रखता है. इससे टायर पिघलने से भी बचते हैं, जब भरी गर्मी में सड़क बहुत गर्म होती है, तब भी टायर इसपर चलते हैं और चलने के दौरान भी गर्म होते जाते हैं लेकिन इनमें इस्तेमाल किया गया कार्बन ब्लैक मटेरियल इन्हें पिघलने नहीं देता है और कार की परफॉरमेंस पर भी असर नहीं पड़ता है. टायर में मिले हुए कर्बन एलिमेंट ओजोन और अल्ट्रावॉयलेट जैसी खतरनाक रेडिएशन से भी बचे रहने में मदद करते हैं.


Ritisha Jaiswal

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