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महंगाई को लेकर आंकड़ों में राहत मिली है. पिछले महीने थोक महंगाई दर (WPI) तीन साल के निचले स्तर पर आ गई थी. सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, मई में थोक महंगाई दर में सालाना आधार पर 3.48 फीसदी की कमी देखने को मिली. इससे पहले, अप्रैल में भी थोक महंगाई दर में 0.92 प्रतिशत की कमी आई थी. इस लिहाज से देखें तो नए वित्त वर्ष के पहले दो महीने में थोक महंगाई दर घटी है.
इस वजह से आई कमी
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग व आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि मिनरल ऑयल के साथ-साथ बेसिक मेटल, टेक्सटाइल, फूड प्रोडक्ट्स, नॉन-फूड ऑर्टिकल, क्रूड पेट्रोलियम एवं नेचुरल गैस और कैमिकल एवं कैमिकल केमिकल प्रोडक्ट्स की कीमतों में गिरावट के चलते महंगाई दर में कमी दर्ज की गई है.
खाने-पीने की चीजें सस्ती
सरकार के आंकड़े बताते हैं कि मई महीने में खाने-पीने के आइटम्स सस्ते हुए हैं. इस दौरान फूड इंडेक्स की महंगाई दर में 1.59 फीसदी की कमी आई है. इसके अलावा. ईंधन एवं बिजली की महंगाई में 9.17 फीसदी की कमी देखने को मिली है. इसके अलावा, मैन्यूफैक्चर्ड उत्पादों की महंगाई दर में भी 2.97 फीसदी की नरमी रिकॉर्ड की गई है. बता दें कि इससे पहले खुदरा महंगाई दर में भी गिरावट दर्ज की गई थी. मई में खुदरा महंगाई दर घटकर दो साल के निचले स्तर पर आ गई थी. पिछले महीने खुदरा महंगाई दर 4.25% रही, जबकि अप्रैल में यह 4.7 प्रतिशत थी.
यहां भी मिल सकती है राहत
वहीं, अब यह उम्मीद भी की जा रही है कि करीब एक साल से आसमान पर बैठे पेट्रोल-डीजल के दामों में भी कमी आ सकती है. हाल ही में पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संकेत दिए थे कि तेल कंपनियां दाम घटा सकती हैं. बता दें कि बीते एक साल में कई बार कच्चे के तेल के दामों में भारी गिरावट आई, लेकिन इसके बावजूद तेल कंपनियों ने दाम घटाकर जनता को राहत नहीं दी. जबकि इसी कच्चे तेल में बढ़ोत्तरी के नाम पर कंपनियों ने देश में पेट्रोल-डीजल के दामों में आग लगाई हुई थी और मोदी सरकार खामोशी से सबकुछ देख रही थी. अब जब देश में चुनावी माहौल है, तो पेट्रोलियम मंत्री दाम कम करने के संकेत दे रहे हैं.
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