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कौन है फेसबुक का नया पॉलिसी प्रमुख, जानिए

Tara Tandi
29 Oct 2020 5:24 PM GMT
कौन है फेसबुक का नया पॉलिसी प्रमुख, जानिए
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फेसबुक इंडिया (Facebook India) की पॉलिसी प्रमुख अंखी दास (Ankhi Das) ने मार्क ज़करबर्ग (Mark Zuckerberg) की कंपनी से इस्तीफा दे दिया।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| फेसबुक इंडिया (Facebook India) की पॉलिसी प्रमुख अंखी दास (Ankhi Das) ने मार्क ज़करबर्ग (Mark Zuckerberg) की कंपनी से इस्तीफा दे दिया. भारत में केंद्र की सत्ता पर काबिज़ राजनीतिक पार्टी (Political Party) के पक्ष में गतिविधियों को अंजाम देने के आरोपों से घिरी दास कुछ महीनों से विवाद में फंसी थीं. अब फेसबुक ने इस पद के लिए शिवनाथ ठकराल (Shivnath Thukral) को चुना है. पहले वॉट्सएप (Whatsapp Policy) के लिए पॉलिसी संबंधी ज़िम्मेदारी को अंजाम दे चुके ठकराल के बारे में कई दिलचस्प बातें हैं, जो जानने लायक हैं.

हेट स्पीच (Hate Speech) को लेकर नियम कायदों पर चल रही बहस का आखिर नतीजा यह हुआ कि फेसबुक पर आरोप लगे कि इस बारे में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. इन आरोपों में घिरीं दास के इस्तीफे की अटकलें कुछ समय से लग रही थीं और उन्होंने अब इस्तीफा दे ही दिया. दास के इस्तीफे के बाद यह आधिकारिक तौर पर नहीं कहा गया है कि ठकराल टेकओवर कर रहे हैं, लेकिन खबरें इस तरह के दावे कर रही हैं.

कौन हैं शिवनाथ ठकराल?

ठकराल पहले भी फेसबुक के साथ जुड़े रहे हैं. 2017 से इस साल मार्च महीने तक एफबी के मालिकाना हक वाले सोशल प्लेटफॉर्म वॉट्सएप के लिए भारत और दक्षिण एशिया के लिए पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर के पद पर रहे ठकराल सीधे दास को ही रिपोर्ट करते रहे, जो भारत, दक्षिण व मध्य एशिया के लिए पॉलिसी हेड थीं. इस भूमिका में ठकराल का काम सरकार के साथ मिलकर कंपनी के हित में डील और लॉबिंग करना था.

facebook login, facebook download, ankhi das facebook india, hate speech, फेसबुक स्टेटस, फेसबुक डाउनलोड, अंखी दास कौन हैं, फेसबुक हेट स्पीचWSJ की जांच के बाद FB इंडिया विवादों के घेरे में रहा.

इससे पहले, ठकराल समाचार चैनल एनडीटीवी के साथ 14 साल तक पत्रकारिता कर चुके हैं. पत्रकारिता के बाद वह सीधे इस कॉर्पोरेट में नहीं आए बल्कि इससे पहले फॉरेन पॉलिसी के थिंक टैंक कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के साथ एमडी के तौर पर काम कर चुके हैं.

क्या विवादास्पद चेहरा हैं ठकराल?

हालांकि ठकराल के प्रोफेशनल जीवन में उपलब्धियां कम नहीं रहीं, लेकिन कुछ विवाद भी उनके साथ जुड़े. टाइम पत्रिका ने उन्हें अंखी दास का 'सबसे वफादार सिपेहसालार' कहा था. दूसरी ओर, टाइम की ही रिपोर्ट के मुताबिक ठकराल 2014 के आम चुनाव से पहले करीब एक साल तक बीजेपी के लिए डिजिटल कैंपेनिंग भी कर चुके हैं.

फेसबुक से जुड़ा विवाद क्या था?

टाइम ने ही रिपोर्ट दी थी कि फेसबुक इंडिया के भीतर पावर के गलत इस्तेमाल का खेल चल रहा था. दास की ज़िम्मेदारी थी कि राजनीतिक लोगों और पार्टियों की पोस्ट्स का सही आंकलन करें और हेट स्पीच से जुड़े नियमों के उल्लंघन पर उचित कार्यवाही करें. लेकिन हुआ कुछ और! मसलन, असम के भाजपा विधायक शैलादित्य डे ने 'बांग्लादेशी मुस्लिमों के बलात्कारी' होने संबंधी एक पोस्ट डाली. यह फेसबुक से एक साल तक हटाई नहीं गई और दास पर आरोप लगा कि उन्होंने जान बूझकर इसकी अनदेखी की.

वॉल स्ट्रीट जर्नल की जांच के बाद जब इस तरह के तथ्य सामने आए, तब फेसबुक के इस रवैये के खिलाफ गुस्सा भड़का और उसके बाद कथित शक्तिशाली लोगों की इस तरह की कई विवादास्पद पोस्ट्स हटाई गईं.

facebook login, facebook download, ankhi das facebook india, hate speech, फेसबुक स्टेटस, फेसबुक डाउनलोड, अंखी दास कौन हैं, फेसबुक हेट स्पीचफेसबुक इंडिया से विदा लेने वाली अंखी दास.

क्यों देना पड़ा दास को इस्तीफा?

अगस्त 2020 में जब वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी जांच रिपोर्ट छापी, तो एफबी इंडिया की टीम के सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में समझौते करने के आरोप लगाए. फेसबुक की गाइडलाइन्स के खिलाफ असम के विधायक की पोस्ट का माला रहा हो या तेलंगाना के भाजपा सांसद टी राजा सिंह की पोस्ट का, WSJ की रिपोर्ट में सीधे कहा गया कि एफबी की टीम ने सत्ताधारी पार्टी के साथ रिश्तों को बचाने के लिए ऐसी पोस्ट्स को हटाने के लिए गाइडलाइन्स के मुताबिक समय पर ​कदम नहीं उठाए.

इसके बाद एक राजनीतिक और सोशल तूफान खड़ा हुआ और इसकी ज़द में आईं अंखी दास को इस्तीफा देना पड़ा. गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों में एफबी, वॉट्सएप ऐसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के रूप में समझे गए हैं, ​जिन पर गौरक्षा संबंधी कंटेंट, विदेशी नागरिकों को लेकर या अन्य मामलों में भड़काऊ और भ्रामक कंटेंट के साथ ही हेट स्पीच को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे.

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