कौन सा टैक्स सिस्टम होगा आपके लिए बेहतर, जानिए बजट में किसे मिलेगा फायदा
जनता से रिश्ता बेवङेस्क | सैलरीड इंडिविजुअल को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. सैलरीड क्लास को उम्मीद है कि सरकार इस बजट में डिडक्शन और एग्जेम्पशन की लिमिट बढ़ाएगी. सैलरीड को कोरोना काल में सैलरी कट का सामना करना पड़ा. इसके अलावा वे घरों से काम कर रहे हैं, जिसके कारण फ्यूल री-इंवर्समेंट का भी उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा है. यही वजह है कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार से डिडक्शन और एग्जेम्पशन के रूप में और राहत मिलेगी.
बजट 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए टैक्स सिस्टम की घोषणा की थी. नया टैक्स सिस्टम वित्त वर्ष 2020-21 में लागू किया गया था. अगर कोई टैक्सपेयर नए सिस्टम को चुनता है तो उसे डिडक्शन और एग्जेम्पशन का लाभ नहीं मिलेगा. इसमें टैक्स रेट 5, 10, 15, 20, 25 और 30 फीसदी है. 15 लाख से ज्यादा कमाई पर 30 फीसदी का टैक्स लगता है. ओल्ड टैक्स सिस्टम में 2.5-5 लाख पर 5 फीसदी, 5-10 लाख पर 20 फीसदी और 10 लाख से ऊपर की इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगता है. अगर कोई टैक्सपेयर्स नया टैक्स सिस्टम चुनता है तो उसे करीब 70 तरह के डिडक्शन और एग्जेम्पशन छोड़ने होंगे.
डिडक्शन कम तो नया टैक्स सिस्टम बेहतर
टैक्स कंसल्टेंट मुकेश कुमार का कहना है कि अगर कोई टैक्सपेयर डिडक्शन और एग्जेम्पशन का फायदा नहीं उठाता है तो उसके लिए न्यू टैक्स सिस्टम ही बेहतर है, क्योंकि इसमें टैक्स रेट कम है. ओल्ड टैक्स सिस्टम में टैक्स रेट काफी ज्यादा हैं. हालांकि टैक्सपेयर्स को 50 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन, हाउस रेंट अलाउंस, लीव ट्रैवल अलाउंस, हाउस प्रॉपर्टी लॉस, पीएफ में निवेश, इंश्योरेंस प्रीमियम पर डिडक्शन का लाभ मिलता है.
डिडक्शन लिमिट बढ़ने पर पुराने सिस्टम वालों को फायदा
ओल्ड टैक्स सिस्टम में स्टैंडर्ड डिडक्शन के रूप में 50 हजार रुपए, प्रोफेशनल टैक्स के रूप में 2400 रुपए, सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए, हाउस रेंट अलाउंस के रूप में 1 लाख रुपए तक (बेसिक सैलरी का 50 फीसदी) बिना लैंडलॉर्ड के पैन के क्लेम किया जा सकता है. ओल्ड टैक्स सिस्टम चुनने वाले टैक्सपेयर्स को इस साल लीव ट्रैवल अलाउंस का भी फायदा नहीं मिला. यह वजह है कि उन्हें डिडक्शन और एग्जेम्पशन को लेकर राहत की उम्मीद है. ऐसे में अगर सरकार राहत की घोषणा करती है तो पुराने टैक्स सिस्टम वालों के लिए यह खुशखबरी होगी.