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केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी अपने डिपार्टमेंट को लेकर कोई लापरवाही नहीं होने देते हैं
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Union Road and Transport Minister Nitin Gadkari) अपने डिपार्टमेंट को लेकर कोई लापरवाही नहीं होने देते हैं. कामकाज को लेकर उनका सख्त रवैया और सख्त अंदाज अक्सर चर्चा में बना रहता है. एक बार फिर कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है. केंद्रीय मंत्री ने अपने अधिकारियों को उनके काम को लेकर सख्त हिदायत दी है.
ये वाकया एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान हुआ. दरअसल अधिकारियों के ढीलेढाले रवैये पर रोष खाकर नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने उन्हें जमकर लताड़ लगाई है. उन्होंने कहा कि आज के इस दौर में अधिकारियों का हाल 'खाया पिया कुछ नहीं, ग्लास तोड़ा 12 आना' वाला हो गया है. ऐसे काम के लिए सरकार अधिकारियों को मोटी सैलरी किसलिए दे? जाहिर है कि केंद्रीय मंत्री की नाराजगी कोई पहली बार सामने नहीं आई है, इससे पहले उन्होंने NHAI के अफसरों को फटकार लगाई थी.
बता दें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वाहन कंपनियों का आह्वान किया है कि वे वैकल्पिक ईंधन के इस्तेमाल के लिए फ्लेक्स-इंजन वाले वाहनों का निर्माण करें. वाहन विनिर्माताओं के संगठन सोसायटी ऑफ इंडिया ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के दौरान गडकरी ने फ्लेक्स-ईंधन वाहनों के लिए घरेलू प्रौद्योगिकी की जरूरत पर जोर दिया है.
उन्होंने कहा कि देश में एथेनॉल अब आसानी से उपलब्ध होने लगा है. देश में पेट्रोल की 70 प्रतिशत खपत दोपहिया द्वारा की जाती है. ऐसे में फ्लेक्स ईंधन वाहनों के लिए घरेलू प्रौद्योगिकी विकसित करने की जरूरत है. नितिन गडकरी ने स्पष्ट किया कि भारतीय वाहन उद्योग को विश्वस्तरीय गुणवत्ता को पूरा करना होगा. यदि उद्योग अपने वाहनों के निर्यात वाले देशों में कड़े प्रदूषण मानकों का अनुपालन कर रहा है, उन्हें इन्हीं मानदंडों को भारत में ही पूरा करना होगा.
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों को परंपरागत कारीगरी वाले उद्योगों को नये सिरे से खड़ा करने के लिये शुरू की गई कोष योजना का डिजिटलीकरण करने का सुझाव दिया है.
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