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जब अमित शाह के सामने खुलकर बोले बेबाक राहुल बजाज, ख़ुद को सत्ता विरोधी कहने वाले उद्योगपति की ये घटनाएं हैं सबूत

jantaserishta.com
13 Feb 2022 7:30 AM GMT
जब अमित शाह के सामने खुलकर बोले बेबाक राहुल बजाज, ख़ुद को सत्ता विरोधी कहने वाले उद्योगपति की ये घटनाएं हैं सबूत
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नई दिल्ली: बजाज समूह (Bajaj Group) के मानद चेयरमैन राहुल बजाज (Rahul Bajaj) अब हमारे बीच नहीं रहे. सन् 1965 में बजाज ग्रुप की बागडोर संभालने वाले राहुल बजाज की आयु 83 वर्ष थी. राहुल बजाज बेबाकी के साथ अपने बयान रखने के लिए जाने जाते थे. राहुल बजाज जब कंपनी के फैसले को लेकर सहमत नहीं थे, तो उन्होंने परिवार के खिलाफ सार्वजनिक मंच से अपनी शिकायतें जाहिर की थीं. यही नहीं, सरकार के खिलाफ भी वो बोलने से बिल्कुल नहीं हिचकते थे.

परिवार हो या फिर सरकार?
करीब दो साल पहले नवंबर 2019 में राहुल बजाज एक कार्यक्रम के दौरान गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के सामने ही सरकार की कड़ी आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि देश में इस वक्त खौफ का माहौल है, लोग सरकार की आलोचना करने से डर रहे हैं, क्योंकि लोगों में ये यकीन नहीं है कि उनकी आलोचना को सरकार में सराहा जाएगा.


उन्होंने इस कार्यक्रम में अमित शाह के सामने भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर की ओर से नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहने का मामला भी उठाया था. राहुल बजाज ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा को पहले तो टिकट दिया गया, फिर जब वो चुनाव जीतकर आईं तो उन्हें डिफेंस कमेटी में लिया गया...ये माहौल जरूर हमारे मन में हैं, लेकिन इसके बारे में कोई बोलेगा नहीं.'
साथ ही राहुल बजाज ने कहा, 'आप अच्छा काम कर रहे हैं उसके बाद भी हम खुले रूप से आपकी आलोचना करें, विश्वास नहीं है कि आप इसकी सराहना करेंगे. हो सकता है कि मैं गलत होऊं.'
अमित शाह ने दिया था जवाब
हालांकि अमित शाह ने इसी मंच से राहुल बजाज की शंकाओं पर जवाब दिया था. अमित शाह ने कि इस बात को खारिज कर दिया था कि देश में डर का मौहाल है. उन्होंने कहा, 'किसी को किसी के बारे में डरने की जरूरत नहीं है, मीडिया में मोदी सरकार की लगातार आलोचना हो रही है, लेकिन अगर आप कह रहे हैं कि इस तरह का मौहाल पैदा हो गया है तो इसे ठीक करने के लिए हमें काम करने की जरूरत है.' इसके अलावा गृह मंत्री ने कहा था कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बयान को सरकार और बीजेपी कड़ी आलोचना करती है.
परिवार के फैसले के खिलाफ भी मुखर
राहुल बजाज परिवार के खिलाफ भी मुखर थे. जब राजीव बजाज ने साल- 2009 में स्कूटर के बजाय बाइक पर फोकस करने का प्लान बनाया तो बजाज ऑटो के इस फैसले के खिलाफ राहुल बजाज ने नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने सार्वजनिक रूप ने कहा था कि मुझे इस फैसले से बुरा लग रहा है, मैं आहत हूं. हालांकि, राजीव बजाज ने कहा था कि समाधान भावनाओं से ज्यादा तर्क से आना चाहिए.
'हमारा बजाज' ने पहुंचाया घर-घर
गौरतलब है कि बजाज ऑटो पहले मुख्य तौर पर 3-व्हीलर्स का काम करती थी. आज भी वह दुनिया की सबसे बड़ी 3-व्हीलर एक्सपोर्ट करने वाली कंपनी है. लेकिन 1972 में बजाज ऑटो ने 'चेतक' ब्रांड नाम का स्कूटर इंडियन मार्केट में उतारा. इस स्कूटर ने बजाज को देश के कोने-कोने और घर-घर में पहचान दिलाई. अब टू-व्हीलर सेगमेंट में बजाज ऑटो बड़ा प्लेयर है.
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