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आने वाले कुछ समय में रिजर्व बैंक अपनी डिजिटल करेंसी Digital rupee को लॉन्च करेगा. डिजिटल रूपी का आमलोगों पर किस तरह असर होगा आइए इसके बारे में जानते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना काल में डिजिटल ट्रांजैक्शन (Digital transactions) में बहुत ज्यादा उछाल दर्ज किया गया. दूसरी तरफ बिटक्वॉइन, इथीरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी ने भी निवेशकों को खूब लुभाया. प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता के बीच रिजर्व बैंक अपनी डिजिटल करेंसी (RBI digital currency) पर काम कर रहा है. बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अगले वित्त वर्ष में डिजिटल रूपी (Digital rupee) को लॉन्च करेगा. डिजिटल रूपी को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC भी कह सकते हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के काट के रूप में रिजर्व बैंक डिजिटल रूपी को लॉन्च कर रहा है. यह समझना जरूरी है कि डिजिटल रूपी एक डिजिटल करेंसी जरूर है, लेकिन यह क्रिप्टोकरेंसी नहीं है.
डिजिटल रूपी को लेकर बिटक्रंच (BitsCrunch) के फाउंडर और सीईओ विजय प्रवीण महाराजन ने कहा पिछले कुछ समय में ट्रांजैक्शन के पैटर्न में काफी बदलाव आया है. खासकर कोरोना महामारी के बाद डिजिटल ट्रांजैक्शन में बहुत ज्यादा उछाल आया है. अब छोटे-बड़े दुकानों में भी डिजिटल पेमेंट स्वीकार किए जा रहे हैं. ऐसे में आर्थिक स्वतंत्रता के लिहाज से रिजर्व बैंक का डिजिटल रूपी (RBI Digital rupee) एक मील का पत्थर साबित होगा. RBI के डिजिटल रूपी के कई फायदे होंगे.
यूजर्स के प्राइवेसी का पूरा खयाल
उन्होंने कहा कि इसमें यूजर्स के प्राइवेसी का पूरी तरह खयाल रखा जाएगा. इसके अलावा यह आसानी से ट्रांसफर किया जा सकता है, ट्रांजैक्शन प्रोसेस सिंपल होगा साथ ही हर कोई इसका अच्छे से इस्तेमाल कर सकता है. डिजिटल रूपी के कारण बिजनेस और कंज्यूमर को फाइनेंशिल सिक्यॉरिटी भी मिलेगी. RBI का डिजिटल रूपी डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा. इसमें ट्रांजैक्शन को पीयर-टू-पीयर आधार पर सेटल किया जाएगा.
विजय प्रवीण महाराजन ने कहा कि डिजिटल करेंसी के कारण करेंसी मैनेंजमेंट बहुत ज्यादा सस्ता हो जाएगा. उन्होंने इसके कई फायदे बताए. आइए डिजिटल रूपी के फायदे और लोगों पर इसके प्रभाव के बारे में जानते हैं.
नेशनल पेमेंट सिस्टम को डिजिटल रूपी से कई फायदे होंगे. अगर डिजिटल रूपी का इस्तेमाल प्राइमरी फाइनेंशियल सर्विस के तौर पर किया जाता है तो पेमेंट का तरीका और ज्यादा लचीला और सरल हो जाएगा.
डिजिटल रूपी की मदद की मदद से रेमिटेंस यानी क्रॉस बॉर्डर ट्रांजैक्शन सस्ता हो जाएगा. डिजिटल करेंसी के कारण रेमिटेंस में फाइनेंशियल सिस्टम का मेंटिनेंस सस्ता हो जाता है.
डिजिटल रूपी का ट्रांसफर आसान और तेज होगा. मेंटिनेंस और प्रोसेस सिंपल होने के कारण ट्रांजैक्शन चार्ज घट जाएंगे. ट्रांसफर प्रोसेस तेज होने के कारण इकोनॉमिक ग्रोथ की रफ्तार तेज होगी. इससे गरीब लोगों को काफी फायदा पहुंचेगा. इसके कारण फंड की पहुंच आसान होगी.
डिजिटल रूपी के कारण किसी भी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई करने बहुत ज्यादा आसान हो जाएगा. साथ ही बैंकिंग सेक्टर के लिए रिस्क मॉनिटरिंग का काम भी घट जाएगा.
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