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क्या है ईपीएफओ में नॉमिनेशन का नया नियम, यहां जानें पूरा प्रोसेस

Renuka Sahu
13 Oct 2021 2:57 AM GMT
क्या है ईपीएफओ में नॉमिनेशन का नया नियम, यहां जानें पूरा प्रोसेस
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फाइल फोटो 

अभी हाल में यह ऐलान किया गया था कि पीएफ, पेंशन और इंश्योरेंस की सुविधाएं पाने के लिए इंप्लॉई प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन के मेंबर्स को ऑनलाइन नॉमिनेशन फाइल करना जरूरी है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अभी हाल में यह ऐलान किया गया था कि पीएफ (PF), पेंशन (EPS) और इंश्योरेंस (EDLI) की सुविधाएं पाने के लिए इंप्लॉई प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) के मेंबर्स को ऑनलाइन नॉमिनेशन फाइल करना जरूरी है. ईपीएफओ ने यह भी बताया कि जिन लोगों को इस बारे में कोई भ्रम है या जानकारी का अभाव है तो वे ईपीएफओ के वेबसाइट epf.gov.in पर विजिट कर सकते हैं.

ईपीएफओ पर ई-नॉमिनेशन ऑनलाइन फाइल करने का कुछ खास प्रोसेस है. इन स्टेप को फॉलो करने के बाद आसानी से नॉमिनेशन करा सकते हैं-
कोई भी ब्राउजर खोलें और उसमें EPFO की वेबसाइट दर्ज करें या epfindia.gov.in पर क्लिक करें
सबसे ऊपर Service लिखा होगा जिस पर क्लिक करना है
इसमें कई ऑप्शन एक साथ दिखते हैं जिनमें आपको for employees पर क्लिक करना है
Member UAN/Online service (OCS/OTP) पर क्लिक करना है
यूएएन और पासवर्ड के जरिये लॉगिन करें
Manage Tab में जाएं और E-nomination पर क्लिक करें
यहां Provide details लिखा दिखेगा जिसमें Save ऑप्शन पर क्लिक करना है
फैमिली डिक्लेरेशन के लिए Yes पर क्लिक करें
अब Add Family Details पर क्लिक करें और जरूरी जानकारी दर्ज करें. ध्यान रहे कि आप एक से ज्यादा नॉमिनी का नाम जोड़ सकते हैं
E-sign को सेलेक्ट करें जिसके बाद आपको मोबाइल फोन पर एक ओटीपी आएगा. मोबाइल नंबर आधार से रजिस्टर्ड होना चाहिए
इतना कुछ करने के बाद ईपीएफओ पर ई-नॉमिनेशन हो जाएगा. अब आपको नॉमिनेशन के लिए अपनी कंपनी (जिसमें काम करते हैं) को कोई कागज भेजने की जरूरत नहीं होगी.
क्या है नॉमिनेशन के नियम
पीएफ खाते में अगर नॉमिनी का नाम दर्ज न हो तो बाद में दिक्कत आ सकती है. दुर्भाग्य से अगर खाताधारक की मृत्यु हो जाए तो जमा पैसे निकालने में परेशानी होगी. इसे देखते हुए ईपीएफओ हर खाताधारक को नॉमिनेशन फाइल करने की सलाह देता है. यह काम तब और जरूरी हो जाता है जब खाताधारक की शादी हो जाए. अगर ईपीएफ-ईपीएस खाताधारक शादी के बाद किसी को नॉमिनेट नहीं करते हैं और बाद में सर्विस के दौरान मृत्यु हो जाती है तो नॉमिनी के अभाव में पत्नी या अन्य वारिस को ईपीएफ का लाभ नहीं मिलेगा.
नियमों के अनुसार, अगर EPF के सदस्य का कोई फैमिली मेंबर नहीं है तो वह किसी भी व्यक्ति को नॉमिनेट कर सकता है. लेकिन, शादी के बाद नॉमिनेशन अमान्य हो जाएगा. EPF स्कीम के तहत अगर कोई नॉमिनेशन नहीं किया गया है तो फंड में जमा हुई पूरी रकम परिवार के सदस्यों में बराबर-बराबर बांट दी जाएगी. अगर व्यक्ति शादीशुदा नहीं है तो रकम आश्रित माता-पिता को दी जाएगी.
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) योजना 1952 के अनुसार, EPF-EPS खाताधारक की शादी हो जाने के बाद EPF और EPS खाते का नामांकन अमान्य हो जाता है. इसलिए जब खाताधारक की शादी हो जाती है, तो उसे EPF-EPS खाते में अपने नॉमिनी को फिर से नॉमिनेट करना चाहिए. पुरुष के मामले में, यह अनिवार्य है कि नॉमिनी उसकी पत्नी होगी जबकि महिला के मामले में पति नॉमिनी होगा.


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