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सातवें वेतन आयोग (7th pay Commission) लागू होने के बाद अब केंद्रीय कर्मचारी का स्टेट्स ग्रेड पे से नहीं बल्कि पे मैट्रिक्स (Pay Matrix) से तय किया जाता है. कर्मचारी अब आसानी से अपने वेतन के स्तर का पता लगा सकते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। 7th pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में पे मैट्रिक्स (Pay Matrix) का अहम रोल है. पहले कर्मचारियों का स्टेट्स ग्रेड पे के आधार पर निर्धारित होता था, लेकिन अब ये पे मैट्रिक्स (Pay Matrix) के आधार पर होता है. इसी आधार पर कर्मचारियों की सैलरी की ग्रोथ (7th CPC Pay Scale 3) निर्धारित होती है.
पे मैट्रिक्स के आधार पर तय होती है सैलरी
आपका यह जानना बेहद जरूरी है पे मैट्रिक्स क्या है और इससे कर्मचारियों की सैलरी पर क्या असर पड़ने वाला है. साथ ही जानते हैं इससे सरकारी कर्मचारियों को किस तरह फायदा होगा. सातवें वेतन के तहत पे मैट्रिक्स लेवल 3 से बेसिक पे स्ट्रक्चर तय होता है. फिलहाल बेसिक पे स्ट्रक्चर कम से कम 21, 700 रुपये से शुरू होकर 40 इंक्रीमेंट्स के साथ 69,100 रुपये तक जाता है.
उदाहरण से समझिए
उदाहरण से समझते हैं. कोई व्यक्ति नई दिल्ली में डाक विभाग में पोस्टमैन के पद पर कार्यरत है और वह पे मैट्रिक्स लेवल 3 के अंतर्गत आता है. उसका बेसिक मूल वेतन 21,700 रुपये है तो आइए जानते हैं कि उस कर्मचारी की कुल सैलरी कितनी होगी?
- लेवल और जीपी: स्तर -3 (जीपी-2000)
- स्थान: दिल्ली
- मूल वेतन (Basic Pay): रु। 21,700
- महंगाई भत्ता (DA): रु. 6,727 (मूल वेतन का 31%)
- हाउस रेंट अलाउंस (HRA) : रु. 5,859 (27% / X शहर)
- यात्रा भत्ता (Travelling Allowance): रु. 4,716 (स्तर-3/ए1 शहर)
- कुल सैलरी (Gross Salary) : 39,002 रुपये
क्या है पे मैट्रिक्स?
सातवें वेतन आयोग (7th pay Commission) लागू होने के बाद अब केंद्रीय कर्मचारी का स्टेट्स ग्रेड पे से नहीं बल्कि पे मैट्रिक्स (Pay Matrix) से तय किया जाता है. कर्मचारी अब आसानी से अपने वेतन के स्तर का पता लगा सकते हैं, साथ ही भविष्य के वेतन में संभावित बढ़ोतरी के बारे मे भी जान सकते हैं. इससे आपको अपने करियर के शुरुआत में ही यह पता चल जाएगा कि आगे कर्मचारी को कितना फायदा होने वाला है.
टेबल के जरिए होती है गणना
इसकी गणना के लिए एक टेबल के होती है जिसके जरिए सैलरी की गणना की जाती है. गौरतलब है कि सिविलियन कर्मचारियों, रक्षा बलों और मिलिट्री नर्सिंग सर्विस (MNS) के लिए अलग-अलग पे मैट्रिक्स तैयार किया गया है जिसके आधार पर उनकी सैलरी बनती है. सिफारिशों के अनुसार इस स्ट्रक्चर को ऐसे तैयार किया गया है, जिसमें हर कर्मचारी को फायदा मिलता है.
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