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आगे कारोबार की स्थिति पर एक्सपर्ट की आपके लिए क्या है सलाह,Asian पेंट्स और बर्जर पेंट के शेयरों में आ रही है कमजोरी

Admin4
27 May 2022 3:35 PM GMT
आगे कारोबार की स्थिति पर एक्सपर्ट की आपके लिए क्या है सलाह,Asian पेंट्स और बर्जर पेंट के शेयरों में आ रही है कमजोरी
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नई दिल्ली Asian Paints Shares: एशियन पेंट्स और बर्जर पेंट्स जैसी कंपनियों के शेयरों में पिछले कुछ दिनों से कमजोरी देखी जा रही है. एशियन पेंट के शेयर गिरावट की चपेट में है और ₹2740 के लेवल पर आ गए हैं. इसी तरह बर्जर पेंट के शेयर भी ₹547 के लेवल पर आ गए हैं. अगर बात पिछले 2 दिन के कारोबार की करें तो बर्जर पेंट के शेयर ₹610 के लेवल से गिरकर ₹547 पर आ चुके हैं.

इनमें 10 फ़ीसदी से अधिक की कमजोरी दर्ज की गई है. एशियन पेंट के शेयर की कीमत ₹3096 से गिरकर ₹2754 के लेवल पर आ चुकी है. सिर्फ 2 दिन के कारोबार में एशियन पेंट के शेयर में 11% से अधिक की कमजोरी आ चुकी है.
स्टॉक मार्केट के एक्सपर्ट के हिसाब से पेंट कंपनियों के शेयरों में इन दिनों करेक्शन देखा जा रहा है. इसकी वजह यह है कि आदित्य बिड़ला ग्रुप की कंपनी ग्रासिम इंडस्ट्रीज ने पेंट बिजनेस में कदम बढ़ाने के लिए कैपेक्स को दोगुना कर ₹10000 करोड़ कर दिया है. उम्मीद जताई जा रही है कि साल 2023-24 में आदित्य बिड़ला ग्रुप का पेंट बिजनेस शुरू हो सकता है.
अगस्त 2021 में कंपनी के बोर्ड ने बिजनेस के लिए ₹5000 करोड़ की मंजूरी दी थी, अब इस रकम को दोगुना कर दिया गया है. शेयर बाजार के एक्सपर्ट का कहना है कि इस वजह से पेंट्स कंपनियों के शेयरों में कमजोरी बने रहने की आशंका है. अगर आप भी शेयरों में निवेश करना चाहते हैं तो एक्सपर्ट की सलाह के मुताबिक इस समय पेंट कंपनियों के शेयरों में निवेश करने से बचना चाहिए.
पेंट कंपनियों के शेयर में कमजोरी पर जीसीएल सिक्योरिटीज के वीसी रवि सिंघल ने कहा, "आदित्य बिड़ला ग्रुप की कंपनी ग्रासिम इंडस्ट्रीज ने पेंट बिजनेस में कदम रखने का फैसला किया है और उसके लिए इसने कैपेक्स दोगुना करने की घोषणा कर दी है. कंपनी ने घोषणा की है कि वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में उसका प्रोडक्शन शुरू हो सकता है."
रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से कच्चे तेल के भाव में वृद्धि की वजह से पेंट कंपनियों के मुनाफे पर दबाव पड़ सकता है. इसके साथ ही आदित्य बिड़ला ग्रुप की कंपनी के कारोबार में एंट्री करने से भी पेंट कंपनियों के लिए प्रतियोगिता बढ़ सकती है, जिससे पेंट कंपनियों के शेयरों पर दबाव देखा जा रहा है.





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