
टेलिकॉम कंपनी Bharti Airtel और Reliance Jio ने 5G ट्रायल पूरा कर लिया है। साथ ही टेलिकॉम कंपनियां जल्द देशभर में 5G सर्विस रोलआउट करने जा रही हैं। Airtel और Jio दोनों कंपनियां 5G ट्रायल में दमदार 5G स्पीड मिलने का दावा कर रही हैं। बता दें कि Jio और Airtel काफी अलग तरह से काम कर रही हैं। जहां एक तरफ Airtel नॉन स्टैंड अलोन 5G नेटवर्क पर भरोसा करती है, जबकि Jio स्टैंड अलोन 5G नेटवर्क पर काम कर रही है। दोनों की तकनीक में थोड़ा सा अंतर है। ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर दोनों कैसे काम करती है और इनमें से कौन है बेस्ट?
क्या है 5G नॉन स्टैंड अलोन नेटवर्क
साधारण शब्दों में कहें, तो जिस नेटवर्क को खड़ा रहने के लिए 4G नेटवर्क की जरूरत होती है, उसे नॉन स्टैंड अलोन 5G नेटवर्क कहते हैं। इसमें 4G LTE के EPC (Evolved Packet Core) को 5G टॉवर के न्यू रेडियो (NR) से कनेक्ट किया जाता है। मतलब नॉन स्टैंड अलोन 5G टॉवर 4G के EPC पर काम करता है। और इस तरह 5G कनेक्टिविटी देता है।
क्या है नॉन स्टैंड 5G नेटवर्क
नॉन स्टैंड 5G नेटवर्क किसी भी प्रकार से 4G नेटवर्क के साथ काम नहीं करता है। मतलब 5G का टॉवर 5G के EPC पर आधारित रहता है। यह 4G से पूरी तरह से अलग एक 5G नेटवर्क होता है। इसे विकसित करने में ज्यादा खर्च आता है।
Airtel और Jio के 5G में कौन बेस्ट है?
स्टैंड अलोन और नॉन स्टैंड अलोन दोनों ही नेटवर्क बेस्ट हैं। Jio सीधे स्टैंड अलोन नेटवर्क पर खर्च कर रहा है। जबकि Airtel पहले नॉन स्टैंड अलोन नेटवर्क को विकसित कर रहा है और बाद में स्टैंड अलोन नेटवर्क पर शिफ्ट होगा, क्योंकि Airtel ने पहले से 4G नेटवर्क पर काफी खर्च किया है। स्टैंड अलोन 5G नेटवर्क किसी लाइव ऑपरेशन, स्मार्ट सिटी, ड्राइवरलेस जैसी तकनीक के लिए जरूरी होता है। लेकिन जब तक भारत में ड्राइवलेस कार जैसी तकनीक लागू होगी, तब तक Aitel पूरी तरह से स्टैंड अलोन नेटवर्क पर शिफ्ट हो जाएगा। ऐसे में दोनों ही नेटवर्क बेस्ट हैं।