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न्यू फंड ऑफर, म्युचुअल फंड का पब्लिक इश्यू टाइप. म्यूचुअल फंड हाउस जब पहली दफा किसी स्कीम को सब्सक्रिप्शन के उतारती हैं तो उसे NFO या न्यू फंड ऑफर कहते हैं, लेकिन हरेक म्यूचुअल फंड्स की कई-कई स्कीम्स होती हैं? फिर NFO में क्या खास होता है?
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दस रुपये में एनएफओ ये मैसेज रिया के मोबाइल और मेल पर खूब आ रहे हैं. रोज कोई एक नया एनएफओ (NFO-New Fund Offer) उनके मेलबॉक्स में आ जाता है. यह दस रुपये में NFO की यूनिट्स मिल कैसे रही है. रिया की उलझन से पहले यह समझ लेते हैं कि आखिर NFO हैं क्या बला? म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) तो आपको पता ही होंगे तो म्यूचुअल फंड कंपनियां ही NFO उतारती हैं. यानी न्यू फंड ऑफर, म्युचुअल फंड का पब्लिक इश्यू टाइप. म्यूचुअल फंड हाउस जब पहली दफा किसी स्कीम को सब्सक्रिप्शन (Subscription) के उतारती हैं तो उसे NFO या न्यू फंड ऑफर कहते हैं, लेकिन हरेक म्यूचुअल फंड्स की कई-कई स्कीम्स होती हैं? फिर NFO में क्या खास होता है?
आइए जानें स्कीम के बारे में सबकुछ
म्युचुअल फंड चलाने वाली एसेट मैनेजमेंट कंपनियां NFO उतारती हैं ताकि आपके पैसे से वे नया निवेश कर सकें. लोग सब्सक्राइब करेंगे और MF हाउस को पैसा मिलेगा, इसी पैसे से वे खरीदारी करेंगी.
अब ये बात तो समझ आ गई, लेकिन 10 रुपये में यूनिट मिलने का क्या चक्कर है? आमतौर पर किसी भी NFO की कीमत 10 रुपये प्रति यूनिट पर तय की जाती है. फंड मैनेजर बाजार के मौजूदा रुख को देखकर NFO लॉन्च करते हैं.
क्या ये बात कुछ पल्ले नहीं पड़ी?? ऐसे समझिए कि कोविड के चलते इस साल एक पर्यावरण, सोशल और गवर्नेंस (ESG) फंड की जरूरत महसूस की गई बस ताबड़तोड़ ESG फंड्स बाजार में आ गए.
यह फंड अपना अधिकांश हिस्सा एसी कंपनियों के शेयर या बांड में निवेश करते हैं जिनकी निवेश योजनायें पर्यावरण और समुदाय की खास फिक्र करती हैं. इमेज SBI SBI Magnum Equity ESG Fund दरअसल NFO देा तरह के होते हैं. एक ओपन एंडेड फंड्स – जिनमें आप कभी भी पैसा लगा सकते हैं.
दो – क्लोज्ड एंडेड फंड्स में आप एक तय अवधि में ही पैसा लगा सकते हैं इसके बाद इनका सब्सक्रिप्शन बंद हो जाता है. खैर, रिया की कहानी पर वापस लौटते हैं. रिया जैसे तमाम लोग जो NFO में निवेश करना चाहते हैं तो पहले यह जरुर परखें कि क्या NFO कुछ ऐसा दे रहा है जिसमें कुछ ऐसा खास है जो मौजूदा फंड में नहीं मिल रहा है.
मनीनफ्रंट के को-फाउंडर और सीईओ मोहित गंग कहते हैं, "अगर कोई NFO किसी नए सेक्टर में आपको पैसा लगाने का मौका दे रहा है तो ये आपके पोर्टफोलियो के लिए अच्छा है." यह जानना जरुरी है कि NFO का कोई ट्रैक रिकॉर्ड नहीं होता. लेकिन,अलबत्ता लाने वाले फंड मैनेजर के पिछले कामकाज का परफॉर्मेंस तो देख ही सकते हैं.
मनी9 की सलाह
मनी9 की सलाह है कि कोई NFO मार्केट में आया है और बाजार में उसकी बड़ी चर्चा है, बस ये सोचकर उसमें पैसा न लगाएं. NFO में रिस्क तो है. लेकिन, पोर्टफोलियो में नए विकल्प जोड़ने के लिए आप इसमें पैसा लगा सकते हैं. बस, पहले इसके फायदे-नुकसान अच्छी तरह समझ लें.
Bhumika Sahu
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