
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) से पहले अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट भारत की स्टार्टअप कंपनी ओयो में निवेश कर सकती है। इस संदर्भ में दोनों कंपनियों के बीच बातचीत एडवांस स्टेज पर पहुंच चुकी है। सूत्रों के अनुसार आगामी हफ्तों में इस सौदे की औपचारिक घोषणा हो सकती है। इसकी घोषणा के बाद ओयो बाजार में अपना आईपीओ पेश कर सकती है।
नौ अरब डॉलर के वैल्यूएशन पर हो सकता है निवेश
यह निवेश नौ अरब डॉलर के वैल्यूएशन पर हो सकता है। मालूम हो कि ओयो के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रितेश अग्रवाल ने हाल में कहा था कि ओयो आईपीओ लाने पर विचार करेगी। लेकिन इसके लिए उन्होंने कोई समयसीमा नहीं दी। सूत्रों के मुताबिक माइक्रोसॉफ्ट के साथ सौदे के तहत ओयो अमेरिकी कंपनी की क्लाउड सर्विसेज टेक क्रंच में शिफ्ट कर सकती है।
ओयो में जापान के सॉफ्टबैंक ग्रुप की 46 फीसदी हिस्सेदारी
ओयो में जापान के सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प की 46 फीसदी हिस्सेदारी है। हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट 2020 के अनुसार, रितेश अग्रवाल दुनिया के दूसरे सबसे युवा सेल्फ मेड अरबपति हैं। ओयो देश की सबसे बड़ी स्टार्टअप कंपनियों में से एक है। इसकी स्थापना 2013 में रितेश अग्रवाल ने की थी। यह दुनियाभर में बजट होटल्स के लिए एग्रीगेटर का काम करती है।
क्या है आईपीओ?
जब भी कोई कंपनी या सरकार पहली बार आम लोगों के सामने कुछ शेयर बेचने का प्रस्ताव रखती है तो इस प्रक्रिया को प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) कहा जाता है। आईपीओ में पैसा लगाकर निवेशक अच्छे पैसे कमा सकते हैं। पिछले साल कंपनियों ने प्राइमरी मार्केट से 31,000 करोड़ रुपये जुटाए। कुल 16 आईपीओ लॉन्च हुए, जिनमें से 15 की लॉन्चिंग दूसरी छमाही में हुई थी। 2019 के पूरे साल में 16 आईपीओ के जरिए 12,362 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। 2018 में 24 कंपनियों ने आईपीओ से 30,959 करोड़ रुपये जुटाए थे। दरअसल, कोरोना वायरस महामारी घरेलू शेयर बाजार उबरने लगे हैं। इसे देखते हुए कंपनियां लगातार आईपीओ लॉन्च कर रही हैं।
