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क्या है चुनाव सुधार विधेयक? बदलेंगे वोटर आईडी के ये नियम

Gulabi
16 Dec 2021 6:26 AM GMT
क्या है चुनाव सुधार विधेयक? बदलेंगे वोटर आईडी के ये नियम
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बदलेंगे वोटर आईडी के नियम
केंद्र सरकार वोटर आईडी कार्ड को लेकर बड़े बदलाव करने जा रही है. सरकारी की ओर से किए जाने वाले इन बदलाव के बाद से मतदाताओं को कई तरह के फायदे होने वाले हैं और 18 साल से अधिक उम्र के युवा जल्द ही वोट देने के लिए एलिजिबल हो जाएंगे. दरअसल, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चुनाव सुधार संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद से जल्द ही मतदाता पहचान पत्र से जुड़े नियमों में बदलाव हो सकता है.
ऐसे में जानते हैं कि आखिर ये चुनाव सुधार संबंधी विधेयक क्या है और इसके पास होने के बाद किस तरह से वोटर आईडी के नियम बदल जाएंगे और इससे किस तरह से आप पर सीधा असर पड़ेगा. बताया जा रहा है कि इस विधेयक के जरिए चुनावी प्रक्रिया को मजबूत बनाने के लिए कई बड़े सुधार किए जा रहे हैं. जानते हैं इससे जुड़ी हर एक बात…
आधार से जोड़ने की पहल
इस विधेयक में वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करने का प्रस्ताव भी शामिल है, जिसके बाद चुनाव आयोग वोटर आईडी को भी आधार से लिंक कर सकेगा. बता दें कि अगस्त 2019 में, चुनाव आयोग ने आधार संख्या के साथ आईडी कार्ड को जोड़ने सहित संशोधनों का प्रस्ताव रखा था. हालांकि, यह पूरी तरह से स्वैच्छिक प्रक्रिया होगी यानी लोग अपनी इच्छा के अनुसार आधार जोड़ सकेंगे. माना जा रहा है कि इसके जरिए अलग-अलग स्थानों पर एक ही व्यक्ति के कई नामांकन पर अंकुश लगाया जा सकेगा. इससे पहले भी इसकी पहल की गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे रोक दिया गया था.
सैन्य मतदाताओं के लिए खास व्यवस्था
इस विधेयक के अनुसार, चुनाव संबंधी कानून को सैन्य मतदाताओं के लिए लैंगिक निरपेक्ष बनाया जाएगा. अभी केवल पुरुष सर्विस ऑफिसर की पत्नी का नाम दर्ज करने का तो प्रवाधान है, लेकिन महिला सर्विस ऑफिसर के पति का नाम जुड़वाने का कोई प्रावधान नहीं है. लेकिन, राज्य या केंद्र सरकार के तहत आने वाले पुलिसकर्मी, सैनिक और अर्धसैनिक बल आदि जिन्हें सर्विस ऑफिसर कहा जाता है, उनके पति या पत्नी का भी नाम वोटर के तौर दर्ज किया जा सकेगा.
जल्द बन सकेगा वोटर आईडी कार्ड
अभी नियम है कि जब कोई व्यक्ति 1 जनवरी तक को 18 साल का हो जाता है तो अगले साल में उसका नाम मतदाता सूची में जोड़ा जाता है, लेकिन अब इसमें बदलाव किया जा रहा है. इसके बाद साल की चार तारीख को तय कर दिया जाएगा, जिससे युवाओं का वोटर आईडी कार्ड जल्द ही बन सकेगा. इसके बाद पंजीकरण के लिए हर साल चार कटऑफ तारीक एक जनवरी, एक अप्रैल, एक जुलाई और एक अक्टूबर तय कर दिया जाएगा. इससे लोग जल्द ही वोटर आईडी बनाकर जल्द वोट देने लग जाएंगे.
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