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आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन क्या है, इससे कैसे मिलेगा फायदा, जानिए

Bhumika Sahu
27 Sep 2021 4:04 AM GMT
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन क्या है,  इससे कैसे मिलेगा फायदा, जानिए
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Ayushman Bharat Digital Mission: इसके तहत देश के प्रत्येक नागरिक का एक हेल्थ आईडी बनेगा जो उनके हेल्थ खाते के रूप में भी काम करेगी. इससे पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड को मोबाइल एप्लिकेशन की मदद से जोड़ा और देखा जा सकेगा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (Ayushman Bharat Digital Missionon) का शुभारंभ करेंगे. आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की पायलट परियोजना की घोषणा प्रधानमंत्री द्वारा 15 अगस्त, 2020 को लाल किले की प्राचीर से की गई थी. इस समय आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन छह केंद्र शासित प्रदेशों में पायलट चरण में लागू किया गया है. आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत एनएचए की आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ( AB PM-JAY) की तीसरी वर्षगांठ के साथ ही किया जा रहा है.

क्या है आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन?
Ayushman Bharat Digital Mission के तहत नेशनल डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम बनाया जाएगा. इसके लिए बहुत-सारे डेटा की जरूरत होगी. जन धन, आधार और मोबाइल (जेएएम) ट्रिनिटी और सरकार की अन्य डिजिटल पहलों के रूप में तैयार बुनियादी ढांचे के आधार पर, पीएम-डीएचएम स्वास्थ्य संबंधी व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा, गोपनीयता और निजता को सुनिश्चित करते हुए एक विस्तृत श्रृंखला के प्रावधान के माध्यम से डेटा, सूचना और जानकारी का एक सहज ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार करेगा. इस अभियान के अंतर्गत नागरिकों की सहमति से स्वास्थ्य रिकॉर्ड तक पहुंच और आदान-प्रदान को सक्षम बनाया जा सकेगा.
कैसे काम करेगा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन?
अभियान के एक हिस्से के रूप में तैयार किया गया आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन सैंडबॉक्स (Ayushman Bharat Digital Mission Sandbox), टेक्नोलॉजी और प्रोडक्ट टेस्टिंग के लिए एक फ्रेमवर्क के रूप में काम करेगा और ऐसे निजी संगठनों को भी सहायता प्रदान करेगा, जो नेशनल डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम का हिस्सा बनते हुए हेल्थ इंफॉर्मेशन प्रोवाइडर या हेल्थ इंफॉर्मेशन यूजर अथवा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तैयार ब्लॉक्स के साथ कुशलता से स्‍वयं को जोड़ने की मंशा रखते हैं.
इसके तहत सरकार हर व्यक्ति का यूनिक हेल्थ कार्ड बनाएगी. यह कार्ड पूरी तरह से डिजिटल होगा जो देखने में आधार कार्ड की तरह होगा. इस कार्ड पर आपको एक नंबर मिलेगा, जैसा नंबर आधार में होता है. इसी नंबर से स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यक्ति की पहचान होगी.
हर नागरिक का बनेगा हेल्थ कार्ड
Ayushman Bharat Digital Mission के तहत देश के प्रत्येक नागरिक का एक हेल्थ आईडी बनेगा जो उनके हेल्थ खाते के रूप में भी काम करेगी. इससे पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड को मोबाइल एप्लिकेशन की मदद से जोड़ा और देखा जा सकेगा. इसके तहत, हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री (HPR) और हेल्थकेयर फैसिलिटीज रजिस्ट्रियां (HFR), आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों दोनों ही मामलों में सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए एक कलेक्शन के रूप में कार्य करेंगी. यह चिकित्‍सकों/अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए व्यवसाय में भी आसानी को सुनिश्चित करेगा.
क्या होगा फायदा?
यूनिक हेल्थ कार्ड बन जाने के बाद मरीज को डॉक्टर से दिखाने के लिए फाइल ले जाने से छुटकार मिलेगा. डॉक्टर या अस्पताल रोगी का यूनिक हेल्थ आईडी देखकर उसका पूरा डेटा निकालेंगे और सभी बातें जान सकेंगे. उसी आधार पर आगे का इलाज शुरू हो सकेगा.
यह कार्ड ये भी बताएगा कि उस व्यक्ति को किन-किन सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है. रोगी को आयुष्मान भारत के तहत इलाज की सुविधाओं का लाभ मिलता है या नहीं, इस यूनिक कार्ड के जरिये पता चल सकेगा.


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